इंदौर। पिछले दिनों प्रशासन ने राजस्व की बकाया वसूली के चलते सांवेर तहसील के ग्राम बड़ौदाअर्जुन में स्थित देवी अहिल्या पैरामेडिकल कॉलेज के भवन को कुर्क कर लिया था। अब 14 जुलाई को इसकी नीलामी की प्रक्रिया नायब तहसील कार्यालय क्षिप्रा परिसर में की जाएगी। इस कॉलेज के संचालक अजय हार्डिया के खिलाफ यह भू-राजस्व की राशि बकाया है। वहीं जमीन की हेराफेरी करने और नकली हस्ताक्षर कर अभिन्यास मंजूरी करवाने के चलते पिछले दिनों एफआईआर भी दर्ज
हुई थी।
पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले में भी डॉ. हार्डिया का यह कॉलेज फंसा है, जिसकी 1.59 करोड़ की बकाया वसूली के लिए कॉलेज को कुर्क किया गया। हालांकि जिस जमीन पर यह कॉलेज बना है उस पर हाईकोर्ट का स्टे भी है, क्योंकि यह जमीन आदिवासियों की थी। लिहाजा पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने हार्डिया के कब्जे से लेकर आदिवासियों के नाम पर ही जमीन करने के आदेश भी जारी कराए थे। सर्वे नंबर 308 और 305 की जमीन आदिवासी परिवार की है और इसी विवादित जमीन पर कॉलेज की बिल्डिंग अवैध रूप से निर्मित कर ली गई। क्षिप्रा क्षेत्र के नायब तहसीलदार संजय गर्ग के मुताबिक 14 जुलाई को दोपहर 2 बजे कॉलेज भवन की नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी। कॉलेज संचालक अजय हार्डिया के खिलाफ 1.59 लाख 60 हजार रुपए से अधिक का भू-राजस्व बकाया है और इसके अलावा ब्याज की वसूली की जाना है। बकायादार द्वारा निर्धारित तिथि तक उक्त राशि जमा नहीं करवाने पर नीलामी की कार्रवाई सम्पन्न की जाएगी।
अफसरों के साथ मिलीभगत के भी आरोप – गलत बिल्डिंग करवा दी कुर्क
प्रशासन ने पिछले दिनों जो कॉलेज सील करवाया उसकी जमीन प्रशासन पहले ही आदिवासियों के नाम कर चुका है। लिहाजा सूत्रों का कहना है कि अफसरों के साथ मिलीभगत कर अजय हार्डिया ने यह खेल किया। जबकि असल कार्रवाई उसके 1, आनंद नगर स्थित पैरामेडिकल कॉलेज पर होना थी। यहां दो प्लाटों की रजिस्ट्री उसी के नाम है और देवी अहिल्या केंसर केयर और मेडिपल अस्पताल चल रहा है। इसकी बजाय हार्डिया ने सांठगांठ कर अर्जुन बड़ौदा क्षिप्रा स्थित कॉलेज को कुर्क करवा दिया, जिसकी नीलामी अब होना है।
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