
- हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले को संस्कारधानी माफ नहीं करेगी
- जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन की शर्मनाक टिप्पणी पर सब एक स्वर में बोले
- पुलिस-प्रशासन से मांग आरोपी की गिरफ्तारी हो और जॉय स्कूल की मान्यता रद्द की जाए
- अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल से बाहर निकालें वरना भविष्य में और अपमान सहना होगा
जबलपुर। अपने विवादित बयानों और गैरकानूनी क्रियाकलापों के लिए कुख्यात जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन द्वारा भगवान श्री राम पर की गयी घनघोर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर हर तरफ आक्रोश है। गुस्सा उबल रहा है। लोगों की पीड़ा यही है कि किसी भी स्तर के विवाद में भगवान राम पर अमर्यादित बात नहीं कहनी चाहिए,लेकिन मेबन ऐसा कर चुका है इसलिए उसे हर तरह से परिणाम भोगन के लिए तैयार रहना चाहिए। न केवल आम आदमी,बल्कि जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी सभी एक स्वर में कह रहे हैं कि भगवान राम पर निम्नस्तरीय बात करने वाले अखिलेश मेबन ने हिन्दुओं की आस्था को चुनौती दी है इसलिए अब हम चुप नहीं बैठ सकते। लोगों ने कहा कि अखिलेश मेबन इस बार ये गलतफहमी न पालें कि हम ये
जिसने सुना, आक्रोश से भर गया
स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन ने अपने वाट्सएप पर एक स्टेटस लगाया था, जिसका अर्थ है कि राम एक हत्यारे हैं और हम सब हिन्दु उनकी नाजायज औलादें हैं। जैसे ही ये स्टेटस लोगों ने पढ़ा तो गुस्सा फूट पड़ा। हिन्दुवादी संगठनों ने स्कूल में तोडफ़ोड़ की हंगामा मचाया। विजयनगर थाना पुलिस ने मेबन पर मामला दर्ज किया। लेकिन इससे पहले कि पुलिस मेबन को दबोच पाती, वो सपरिवार फरार हो गया। बहुत शर्मनाक तरीके से मेबन ने सफाई दी कि उसका मोबाइल हैक कर लिया गया था इसलिए ये स्टेटस लग गया। ये स्टेटस जिस ने भी पढ़ा-सुना वो आक्रोश से भर गया।
अगली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे
जागरूक लोगों का कहना है कि यदि आज मेबन को सही समय पर सही सबक नहीं सिखाया गया तो हम अपनी अगली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे। नई पीढ़ी को जब पता चलेगा कि किसी ने श्रीराम पर टिप्पणी की तब भी हम मुखर नहीं हुए,बल्कि चुप्पी साधकर बैठ गये। श्री राम और समूचे सनातनी समाज को गाली देने वाले के स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाने का क्या अर्थ हो सकता है,इसे सहज ही समझा जा सकता है।
- टिप्पणी गलत पर विरोध कानूनी हो
बेशक अखिलेश मेबन ने भगवान राम पर गलत टिप्पणी की है,जिसे लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसका विरोध करने के लिए हिंसात्मक रुख अपनाना सही नहीं है।
लखन घनघोरिया, विधायक पूर्व क्षेत्र - ऐसी कार्रवाई हो कि नजीर बन जाए
मेबन ने बहुत ही अशोभनीय कृत्य किया है। इसको किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मेबन को ऐसी सजा दी जानी चाहिए कि एक उदाहरण बने।
अशोक रोहाणी, विधायक,कैंट - घटिया टिप्पणी से सब आहत
अखिलेश मेबन की मानसिकता दूषित है। प्रभु श्री राम और हिंदुओं को लेकर की गई घटिया टिप्पणी से पूरा हिंदू समाज आहत है। उम्मीद है कि इस दफा मेबन पर ठोस कार्रवाई होगी।
सुशील तिवारी इंदु, विधायक पनागर - ये मानसिकता खतरे का संकेत
मैं दुनिया के अलग-अलग देशों में लेक्चर देने जाता हूं,हर जगह मुझे हिन्दु होने पर सम्मान मिलता है,लेकिन मेरे शहर में ही मेबन जैसे लोग हैं। ये बेहद शर्मनाक है और खतरे का भी संकेत है।
अनुराग सोनी, अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक - प्रशासन कार्रवाई करे वरना सड़क पर उतरेंगे
मेबन पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं होगी तो विवश होकर सड़कों पर उतरना होगा। मैं चेतावनी देता हूं कि यदि किसी ने भी उसको प्रश्रय देने का प्रयास किया तो उनका भी विरोध किया जाएगा।
समीर दीक्षित, अध्यक्ष, संपूर्ण ब्राह्मण सभा मध्य प्रदेश - ये दुस्साहस बर्दाश्त नहीं
भारतीय जनमानस के आराध्य पर ऐसी निम्रस्तरीय सोच रखने वाले का दुस्साहस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम हर स्तर पर पुरजोर विरोध करेंगे।
जतिन राज, कांग्रेस नेता - शर्मसार करने वाला कृत्य
अखिलेश मेबन का ये कृत्य अत्यंत शर्मसार करने वाला है। ये मानसिक रूप से विक्षिप्तता की निशानी है। इन्हें समाज में रहने का अधिकार नहीं है।
विजय रजक, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष - कार्रवाई में कोताही न हो
भगवार राम के प्रति भगवान राम के इस रुख से समाज में आक्रोश है और बेहद पीड़ादायक है। पुलिस और प्रशासन से आग्रह कि मेबन पर कार्रवाई करने में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
ठाड़ेश्वर महावर, भाजपा नेता - मेबन राष्ट्र विरोधी है
मेबन हिन्दु विरोधी के साथ राष्ट्र विरोधी भी है। प्रशासन को इसे जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करना चाहिए और स्कूल की पूरी जांच की जानी चाहिए।
अतुल जसवानी, प्रदेशाध्यक्ष, हिन्दु सेवा परिषद - बच्चों को स्कूल भेजना बंद करें
ये पहली बार नहीं है जब मेबन ने ऐसा किया हो। स्कूल स्टॉफ और बच्चों के बाद वो अब श्रीराम पर टिप्पणी करने तक पहुंच गया। अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना बंद करें।
राम दुबे, संयोजक, एकता मंच