भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi National Journalism University) जल्द ही बिसनखेड़ी में अपने खुद के 50 एकड़ के भव्य परिसर में पहुंच जाएगा. 16 जनवरी से नया सेमेस्टर इसी परिसर में शुरू होगा. आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर में छात्रों को मीडिया की बारीकियों के साथ ही स्वावलंबन के गुर भी सिखाए जाएंगे.
नीलबड़ में खेल अकादमी के पास स्थित इस विश्वविद्यालय के इस परिसर में भवनों के नाम देश के स्वतंत्रता सेनानियों-महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं. मुख्य आडिटोरियम का नाम मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को कर्मभूमि बनाने वाले स्वातंत्र्यचेता पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर है. कन्या छात्रावास का नाम नर्मदा है. मप्र की यह नदी पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है.
भूमि का आवंटन वर्ष 2002 में हुआ था
विश्वविद्यालय के लिए भूमि का आवंटन वर्ष 2002 में हुआ था, जिस पर निर्माण कार्य 2014 से प्रारंभ किया गया.लगभग 150 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले इस परिसर भव्य स्वरूप मुंबई की इंटीरियर डिडायनर फाइनर एज कंपनी ने दिया है. कुलपति श्री सुरेश कहते हैं-यह विश्वविद्यालय का अपना पहला पूर्ण परिसर है. विकास भवन एक कॉरपोरेट की तरह की बिल्डिंग थी. लेकिन वह भी अभी विवि के पास है.
नए परिसर में परिसर में 70 कमरे चालीस सीटों वाले और 13 कमरे साठ सीटों वाले हैं. इसके अलावा पुस्तकालय भवन, ई लाइब्रेरी, अकादमिक भवन,ऑडिटोरियम,एंफीथियेटर,स्मार्ट क्लास हैं. इसके साथ ही 99 रिहायशी मकान, 300 विद्यार्थिों की क्षमता वाले गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल, क्लब हाउस,गेस्ट हाउस भी हैं.
पर्यावरण मित्र है परिसर
परिसर में आधुनिकता के साथ पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है, इसके लिए सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ई बाइसिकल, साथ ही वाकिंग जोन, जिम जैसी सुविधाएं रहेंगी. विश्वविद्यालय का 60% हिस्सा पेड़ पौधों से घिरा हुआ है. विश्वविद्यालय में जल्द ही एक कम्युनिटी रेडियो शुरू होने वाला है जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ही चलाया जाएगा और इसकी रेंज 15 किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले लोगों को खासतौर पर मिलेगा.
यह वास्तु के हिसाब से अति शुभ है. हवा के पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाह को ध्यान में रखा गया है. यह स्वास्थ्य और बुद्धिमता के लिए काफी पॉजिटिव एनर्जी देता है. विवि के अभियंता मुकेश चौधरी कहते हैं-खास बात यह है कि जिस डिजाइन का प्रयोग विश्वविद्यालय के निर्माण हुआ है, वह डिजाइन किसी से प्रेरित नहीं बल्कि नई व मौलिक डिजाइन है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved