उन्होंने कहा कि आज मीडिया शिक्षण में कोई भी रेगुलेटरी कमेटी नहीं है, जिसके अभाव में मूलभूत सुविधाएं जो इस क्षेत्र के लिए अति आवश्यक है उनका अभाव हमें नजर आता है । कुछ संस्थाओं जैसे कि जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को उदाहरण के लिए छोड़ दिया जाए तो आप देखेंगे कि कहीं कोई तय मापदंड मीडिया क्षेत्र के दिखाई नहीं देते।
उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट और सीधे तौर पर मानना है कि चौथे स्तंभ के लिए भी देश में अलग से काउंसिल होनी चाहिए । आजकल कोई भी अपने घर में मीडिया शिक्षण शुरू कर देता है, पीछे से उन्हें मान्यता देने वाले भी जुड़ जाते हैं, मुझे लगता है कि यह ठीक स्थिति नहीं है, इससे तो मीडिया क्षेत्र में ओर गिरावट आ रही है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि मीडिया अध्ययन के लिए देशभर में एक मानक होने से मीडिया का स्तर बढ़ेगा, इसमें अच्छे लोग आएंगे और जिन्हें वास्तविकता में ही संवाद के माध्यम से सेवा करना है । वही आगे आकर इस क्षेत्र में अपना केरियर बनाएंगे ।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में शुरू होने जा रहे आवश्यक नवाचारों को लेकर प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए अनेक नए आवश्यक कदम उठाने जा रहे हैं। जो जो आवश्यक होगा वह निर्णय के स्तर पर, योजना के स्तर पर मैं करने जा रहा हूँ । यहां आने के बाद मुझे अनुभव में आया है कि अकादमिक स्तर पर, शोध और प्रकाशन के क्षेत्र में यहां तमाम कार्य किया जाना जरूरी है, मैंने लगातार मीटिंग करते हुए इस दिशा में विभागवार योजना बनाकर उस योजना को कार्य रूप में परिणित करने के लिए अपने प्राध्यापक सहयोगियों व प्रशासनिक कर्मियों के साथ कार्य करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारे नए परिसर में जो कार्य किए जाने हैं, उन पर भी विशेष फोकस है, साथ ही हमारे परिसर रीवा और खंडवा में पढ़ाई का स्तर भोपाल केंद्र की तरह ही एक समान हो, इसके लिए भी योजना बनाई गई है । हमारे भोपाल केंद्र से शिक्षक बीच-बीच में रीवा और खंडवा परिसरों में पढ़ाने जाएंगे और वहां के शिक्षक यहां आएंगे ताकि शैक्षणिक स्तर पर हमारे तीनों ही परिसरों से निकलने वाले विद्यार्थियों को एक समान उच्च स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। वास्तविकता तो यह है कि जितने श्रेष्ठ शिक्षक पत्रकार हमें आज चाहिए, उतने एकदम से मिलते नहीं हैं, उस दिशा में बहुत मेहनत करने की जरूरत है। ऐसे लोगों को खोजने की और उनके साथ काम करने की जरूरत है, उस पर भी हमारा फोकस है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के जी सुरेश बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय रीवा परिसर आगामी सत्र से नवीन भवन में संचलित होगा। इसके लिये गुणवत्ता आधारित निर्माण कार्य यथा शीघ्र पूरा किया जायेगा। विश्वविद्यालय का रीवा परिसर विंध्य क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अध्ययन एवं शोध का उत्कृष्ट केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र का पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक अलग छवि रही है। इस अंचल में संचार आधारित शिक्षा के अनेक अवसर हैं। विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से समाचार उद्योग की आवश्यकता के ध्यान में रखते हुये रोजगारन्मुखी पाठ्यक्रम यहां पर शुरू करेगा। व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिये विश्वविद्यालय रीवा परिसर में आधुनिक स्टूडियो स्थापित करेगा और सामुदायिक और इंटरनेट रेडियो संचालित करेगा। स्थानीय स्तर पर कुछ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का आंकलन कर सिर्फ रीवा परिसर में ही संचालित की योजना है।
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