नई दिल्ली (New Delhi)। शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. आज 28 मई 2023 को ज्येष्ठ माह सी मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जा रही है. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से वह अपने भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं और उनके सभी कष्ट हर लेती हैं. दुर्गा अष्टमी के दिन व्रत रखते हुए मां दुर्गा की भक्ति करने से मन चाहे फलों की प्राप्ति होती है. मां के भक्तों पर विशेष कृपा भी बनी रहती है.
मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durgashtami 2023 Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ – 27 मई 2023, सुबह 7 बजकर 42 मिनट से शरू
समाप्त- 28 मई 2023, सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक
मासिक दुर्गाष्टमी महत्व
मान्यता है कि दुर्गाष्टमी का व्रत भक्तों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इश दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और घर में सुख, समृद्धि और धन की कमी नहीं होती.
दुर्गाष्टमी की पूजा विधि (Masik Durgashtami Puja Vidhi)
पूरे विधि विधान से दुर्गाष्टमी पर व्रत और पूजन करने से मनोवांछित फल मिलता है. दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें. लकड़ी के पाट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें. माता को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं. धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां दुर्गा की आरती करें.
दुर्गाष्टमी कथा (Masik Durgashtam Katha)
शास्त्रों के अनुसार, सदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे. उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी. इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था. भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किया. इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया. हिषासुर की सेना के साथ युद्ध करके मां दुर्गा ने अंत में उसे मार दिया. उसी दिन से दुर्गाष्टमी के पर्व की शुरुआत हुई.
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