इंदौर। 11 दिसंबर को ग्वालियर (Gwalior) निवासी दो छात्र हिमांशु श्रोत्रीय व सुकृत् शर्मा (Himanshu Shrotriya and Sukrit Sharma) पर हाईकोर्ट के जज (High Court judges) की गाड़ी को कथित रूप से लूटकर निजी विश्वविद्यालय के कुलपति मृतक रणजीत सिंह यादव ( Ranjit Singh Yadav) को रेलवे स्टेशन से पास ही के अस्पताल ले जाना भारी पड़ गया, जिन पर लूट व डकैती जैसा गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया। इसके विरुद्ध इंदौर के महापौर एवं पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव (Pushyamitra Bhargav) द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव को प्रतिवादी बनाकर निवेदन किया गया है कि मध्यप्रदेश शासन तत्काल निर्देश जारी करे कि किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में शासकीय वाहन का उपयोग करने की छूट प्रदान की जाए। किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में यदि कोई शासकीय कर्मचारी उसके आधिपत्य का शासकीय वाहन मेडिकल इमरजेंसी उपयोग हेतु प्रदान करता है तो उक्त शासकीय कर्मचारी अथवा ड्राइवर के विरुद्ध कोई कार्यवाही न की जाए।
एसपी ग्वालियर व थाना पड़ाव के थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया जाकर यह सहायता चाही गई है कि दोनों छात्र हिमांशु श्रोत्रीय व सुकृत शर्मा के विरुद्ध दर्ज की गई एफ़आइआर को निरस्त किया जाए, क्योंकि उक्त दोनों छात्रों का कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 81 की श्रेणी में आने से अपराध की परिभाषा में नहीं आता है। इसके तहत कोई बात केवल इस कारण अपराध नहीं है कि वह यह जानते हुए की गई है कि उससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, यदि वह अपहानि कारित करने के किसी आपराधिक आशय के बिना और व्यक्ति या संपत्ति को अन्य अपहानि का निवारण या परिवर्जन करने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक की गई हो।
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