शहर बदहाल, मेरा वार्ड ही गंदा, अब डंडा लेकर निकलना पड़ेगा
इंदौर। 6 बार लगातार स्वच्छता में नम्बर वन आने वाले इंदौर शहर (Indore City) की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट पड़ी है, जबकि थोड़े दिन बाद ही स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम (cleanliness survey team) आने वाली है। कॉलोनियों-मोहल्लों में तो स्थिति बदतर है ही, वहीं मुख्य मार्गों पर भी कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। आज सुबह महापौर अपने ही वार्ड के अलावा अन्य क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण (survey) करने पहुंचे तो जगह-जगह गंदगी देख जमकर भडक़े और क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि ऐसा लगता है कि अब डंडा लेकर ही निकलना पड़ेगा। जब मेरे वार्ड में ही सफाई व्यवस्था चौपट है तो फिर शहरभर की स्थिति क्या होगी? क्षेत्रीय सीएसआई, एनजीओ, प्रभारी को भी महापौर ने डपटा और कहा कि डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट से लेकर सडक़ किनारों पर कचरा पड़ा है। जो लोग काम नहीं करना चाहते, उन्हें ट्रेंचिंग ग्राउंड भिजवाया जाए और बाहरी कर्मचारियों को सफाई में लगाएं।
इस बार स्वच्छता में नम्बर वन आना इसलिए भी मुश्किल लग रहा है, क्योंकि पिछली बार भी इंदौर नगर निगम को बड़ी कश्मकश और कड़े मुकाबले का सामना सूरत सहित अन्य शहरों से करना पड़ा। दरअसल कचरे से खाद, सीएनजी जैसे कई प्रयोगों के चलते इंदौर स्वच्छता में नम्बर वन आता रहा है। मगर अब उसकी नकल करते हुए कई शहरों ने अपनी स्थिति बेहतर कर ली है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के लिए इसलिए चुनौती है कि उनके कार्यकाल में अब पहली बार स्वच्छता का सर्वे होगा और निगम को सातवीं बार नम्बर वन बनाने का संकल्प उनके साथ पूरी परिषद् ने लिया है। आज सुबह महापौर वार्ड 82, 83 और 84 का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके खुद के सुदामा नगर, गौपुर चौराहा, चाणक्यपुरी, श्री जीवन नगर, द्वारकापुरी क्षेत्र में उन्हें गंदगी नजर आई। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए दो टूक कहा कि जब मेरे वार्ड में ही सफाई व्यवस्था के हाल इतने बदतर हैं तो बाकी वार्डों की क्या स्थिति होगी? उन्होंने एनजीओ प्रभारी से भी पूछा कि अब आखिरी बार इस क्षेत्र में कब आए थे? वहीं क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी सुमित अस्थाना और सीएसआई को भी फटकार लगाई और कहा कि प्रेम की भाषा आप सब नहीं समझते हो, लिहाजा अब डंडा लेकर ही निकलना पड़ेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ इस दौरे में स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन सहित स्थानीय पार्षद भी मौजूद रहे। महापौर ने सफाई में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों को हटाने और उनकी जगह आउटसोर्स यानी बाहरी कर्मचारियों से सफाई कराने के निर्देश भी दिए।
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