उज्जैन। अनंत चतुर्दशी पर गणेश उत्सव का समापन होगा और बड़ी संख्या में भगवान गणेश की प्रतिमा नदी में विसर्जित की जाएगी। आज सुबह विसर्जन स्थलों को देखने महापौर तथा उनके साथ अधिकारी पहुँचे। शुक्रवार अनंत चतुर्दशी से गणेश प्रतिमा विसर्जन करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा जो दो-तीन दिन तक चलेगा। उज्जैन में प्रतिमा विसर्जित करने के दो प्रमुख स्थान बनाए गए हैं उनमें एक हीरा मिल की चाल स्थित कुंड तथा दूसरा कालियादेह महल है।
इसके अलावा नदी में कहीं भी विसर्जन प्रतिबंधित किया है, इन्हीं सब व्यवस्थाओं को देखने आज सुबह महापौर मुकेश टटवाल और अपर आयुक्त आदित्य नागर के साथ अधिकारियों की टीम सबसे पहले हीरा मिल स्थित कुंड पर पहुँची और यहाँ से कालियादेह महल स्थित विसर्जन स्थल को देखने पहुँची, यहाँ नगर निगम ने चूरी गिट्टी डलवा दी है ताकि विसर्जन करने वाले लोगों को कीचड़ का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा बैरिकेटिंग भी करवा दी गई है और यहाँ कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई है। नदी में अन्यत्र किसी भी स्थान पर प्रतिमाएँ विसर्जित नहीं करें, इसके लिए निगम कर्मचारियों को लगाया गया और यहाँ खाली डंपर भी लगाए जाएँगे। पूजन के बाद इन नंबरों में यह प्रतिमा रखी जाएगी और इन्हें नगर निगम के कर्मचारी सम्मान विसर्जन स्थल तक ले जाएँगे। करीब 20 से अधिक डंपर और जेसीबी भी विसर्जन कार्य में लगाई जाएगी।
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