लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महिलाओं से छेड़खानी सहित यौन अपराध करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश के एक दिन बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
मायावती ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की अनन्त घोषणाओं व निर्देशों आदि के बावजूद दलितों व महिलाओं पर अन्याय-अत्याचार, बलात्कार व हत्या आदि की घटनायें नहीं रुक रही हैं तो इससे सरकार की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि खासकर छात्राओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है तो ऐसी कानून-व्यवस्था किस काम की?
इससे पहले प्रदेश में महिला अपराधों के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिया है। अब राज्य में ऑपरेशन दुराचारी शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुराचारियों और छेड़खानी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने महिलाओं, बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यहार, अपराध और यौन अपराध में लिप्त अपराधियों के पोस्टर शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगाने का आदेश दिया है, ताकि ऐसे लोगों को समाज के सामने लाकर शर्मिंदा किया जा सके।
उन्होंने इसके साथ ही इस तरह के कृत्य करने वाले अपराधियों और दुराचारियों के मददगारों के भी नाम उजागर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले दुराचारियों को महिला पुलिस कर्मियों से ही दंडित कराया जाए। महिला पुलिस कर्मियों से ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जाए।
उन्होंने कहा कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी जिम्मेदार होंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य में इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहे आरोपितों के पोस्टर चौराहों पर चस्पा किये जा चुके हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सरकार इसके बाद ही उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति के लिए कानून लेकर आई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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