लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले कई नेता अपना नफा-नुकसान देखकर पाला बदलने में लगे हैं. इसी कड़ी में रविवार को बसपा (BSP) के छह विधायकों के सपा में शामिल होने पर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सत्ता के लालची इन नेताओं को जनता खूब समझती है. इससे सपा को कोई लाभ नहीं बल्कि नुकसान ही होगा.
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी विधानसभा आमचुनाव नजदीक आने पर अब फिर से आए दिन दलबदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है किन्तु इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है बल्कि इससे उन्हें हानि ही होगी. अतः बीएसपी के लोग ऐसे बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि केवल दलबदलू ही नहीं बल्कि बरसाती मेंढकों की तरह अनेकों ऐसी पार्टियों के नाम भी लोगों को सुनने को मिल रहे हैं जिनके नाम अब तक देखने-सुनने को नहीं मिले थे. सत्ता लोलुपता के ऐसे खेल को जनता खूब समझती है व इससे उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. परिवर्तन अटल है.
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर साधा निशाना
सपा में शामिल होने वाले बसपा विधायकों में सीतापुर के सिधौली विधायक हरगोविंद भार्गव, जौनपुर की सुषमा पटेल, गाजियाबाद के असलम अली, श्रावस्ती के असलम राइनी, प्रयागराज के हाकिम लाल बिंद और हाजी मुजतबा सिद्दीकी हैं.
इस सभी ने बसपा से बगावत कर तीन माह पहले और भाजपा के बागी विधायक राकेश राठौर ने एक माह पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक अपने बेटे पंकज मलिक के साथ सपा में शामिल हुए थे. हरेंद्र मलिक प्रियंका गांधी वाड्रा की सलाहकार समिति के सदस्य भी थे.
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