लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों के समाधान पर जोर देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कथित भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने की मांग की है. सोमवार को बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कृषि कानूनों की वापसी का किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए पीएम अपने भड़काऊ नेताओं पर रोक लगाएं. कहा, PM की घोषणा के बावजूद भाजपा नेता भड़काऊ बयानों से लोगों में संदेह पैदा कर रहे हैं जो माहौल खराब कर रहा है.
मायावती ने अपने सिलसिलेवार में कहा कि सालभर से किसान कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्दकरने की मांग को स्वीकार कर लिया, लेकिन अब उनकी अन्य मांगों को भी मानकर समाधान की जरूरत है. जिससे आंदोलन कर रहे किसान अपने घर जा सकें. बता दें कि आज यानी 22 नवंबर को लखनऊ में किसानों की महापंचायत रही है. देशभर से हजारों किसान इसमें जुटे हैं.
दरअसल, उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा था, ‘‘विधेयक तो बनते-बिगड़ते रहते हैं, फिर वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी जी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और विधेयक के बजाय राष्ट्र को चुना. जिनके इरादे गलत थे, जिन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उन्हें करारा जवाब मिला है.’’ ऐसे बयानों को आधार बनाकर रविवार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए थे.
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