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    आरक्षण को लेकर मायावती का खड़गे पर हमला, बोलीं- कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव में हराया

  • August 11, 2024

    नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (supremo mayavathi) ने SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर (Creamy Layer) की अवधारणा पर अपना स्टैंड क्लीयर नहीं करने के लिए कांग्रेस पार्टी (congress party) की आलोचना की है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पर आरक्षण (reservation) का श्रेय बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर (baba saheb bhimrao ambedkar) की बजाय जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी को देने का आरोप लगाया है. मायावती ने अपने आधिकारिक X हैंडल से सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा, ‘कल बीएसपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिये बयान की जानकारी मिली. ST-ST के समक्ष कांग्रेस पार्टी के बयान में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को नहीं बल्कि पंडित नेहरू व गांधीजी को आरक्षण का श्रेय दिया गया है, जिसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है.’



    आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब बीआर अम्बेडकर को: मायावती

    बसपा सुप्रीमो ने अपने अगले पोस्ट में लिखा, ‘वास्तव में आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को ही जाता है, जिनको कांग्रेस के लोगों ने संविधान सभा में जाने से रोकने के लिए षड्यंत्र रचा और उनको चुनाव में भी हराने का काम किया. उन्हें कानून मंत्री के पद से भी इस्तीफा देने को विवश किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह कहा कि देश में SC व ST वर्गों के उपवर्गीकरण के संबंध में अपने स्टैंड का खुलासा करने के पहले उनकी पार्टी NGOs व वकीलों आदि से विचार-विमर्श करेगी, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस उपवर्गीकरण के पक्ष में है. कांग्रेस द्वारा क्रीमीलेयर के बारे में भी गोलमोल बातें की गई हैं. कांग्रेस के 99 सांसद होने के बावजूद भी संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कोई आवाज नहीं उठाई गई. जबकि इस पार्टी ने संविधान व आरक्षण को बचाने के नाम पर ये सीटें जीती हैं.’

    बता दें कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय पर कल एक बयान में कहा था कि एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के आधार पर वर्गीकरण का विचार निंदनीय है. उसने केंद्र सरकार से संसद में संविधान संशोधन के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने की मांग की थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी राज्यों को एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण बनाने की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बुद्धिजीवियों, विशेषज्ञों और एनजीओ के साथ विचार-विमर्श कर रही है और विस्तृत चर्चा के बाद अपना स्टैंड क्लीयर करेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उस हिस्से का विरोध करती है, जिसमें क्रीमी लेयर अवधारणा की वकालत की गई है.

    नेहरू-गांधी के कारण आरक्षण को संवैधानिक मान्यता: खड़गे

    मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘भारत में अनुसूचित जाति के लोगों को सबसे पहले बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के पूना पैक्ट के जरिए आरक्षण मिला. बाद में पंडित नेहरू और महात्मा गांधी के योगदान के कारण इसे संविधान में मान्यता दी गई और नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू किया गया. लेकिन 70 साल बाद भी जब हम सरकारी नौकरियों में एससी और एसटी समुदायों की भर्ती देखते हैं तो पाते हैं कि रिक्तियां अभी भी नहीं भरी जा रही हैं, ज्यादातर पद खाली हैं. यानी सामूहिक रूप से भी इन वर्गों के लोग, वे इन पदों को भरने में सक्षम नहीं हैं. वे अब भी सामान्य वर्ग के लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं.’

    कांग्रेस चीफ ने आगे कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरक्षण का आधार किसी समुदाय या व्यक्ति का आर्थिक विकास नहीं है, बल्कि यह समाज में हजारों वर्षों से चली आ रही छुआछूत को खत्म करने के लिए है. और यह अब भी समाज से खत्म नहीं हुआ है. हम हर दिन कई उदाहरण देखते हैं. इसलिए एससी-एसटी समुदाय में क्रीमी लेयर की बात करना गलत है और कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ है.’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान में दिए गए एससी और एसटी के लिए आरक्षण के उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विस्तृत चर्चा हुई.

    केंद्र ने कहा संविधान में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं

    सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘बीआर अम्बेडकर द्वारा दिए गए संविधान में एससी और एसटी के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं था. कैबिनेट का यह सुविचारित मत है कि राजग सरकार डॉ. अम्बेडकर द्वारा दिए गए संविधान के प्रावधानों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.’ इस महीने की शुरुआत में, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत के फैसले में राज्य सरकारों को एससी सूची के भीतर समुदायों को उप-वर्गीकृत करने की अनुमति दी थी.

    मायावती ने क्रीमी लेयर पर केंद्र के फैसले का किया स्वागत

    मायावती ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया था. उन्होंने कहा था, ‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा, यह उचित है और इस फैसले का स्वागत. किंतु अच्छा होता कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहां इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं. अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए.’

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