नई दिल्ली: बैंकों में लेन-देन करते समय या किसी बैंक में खाता खुलवाते समय आपके दिमाग में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि हम अधिकतम कितने बैंक अकाउंट खोल सकते हैं? इस आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि क्या देश में बैंक अकाउंट खोलने की कोई लिमिट है? या भारत में आप अधिकतम कितने बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं?
ज्यादातर लोगों के पास 3 से 4 सेविंग्स अकाउंट होते हैं, वहीं कुछ लोग इससे ज्यादा बैंकों में अकाउंट रखते हैं. भारत में बैंक अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया भारत का केंद्रीय बैंक है और यही बाकी सभी बैंकों के लिए नियमों का निर्धारण करता है. रिज़र्व बैंक ने बैंक खातों की संख्या पर कोई भी लिमिट तय नहीं की है. आप जितने चाहें बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं.
मल्टीपल अकाउंट ऐसे करें मैनेज
यदि आप कई बैंकों में अपने अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने अकाउंट्स से लेन-देन चालू रखना पड़ेगा. लंबे समय तक एक्टिव नहीं रहने पर बैंक आपका अकाउंट क्लोज कर सकता है. इसलिए आपको अपने सभी अकाउंट्स को यूज करते रहना पड़ेगा. हालांकि, बहुत सारे बैंक अकाउंट खोलते समय आपको कई बातों को ध्यान में रखने की जरूरत पड़ती है.
मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होगा
वर्तमान में लगभग सभी बैंकों में सैलेरी अकाउंट को छोड़कर सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को मेंटेन करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि आपको अपने बैंक खाते में एक मिनिमम बैलेंस हमेशा रखना पड़ेगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके बैंक खाते से चार्ज काटा जाएगा. अगर चार्ज कटने के बाद भी आप मिनिमम अकाउंट को मेन्टेन नहीं करते तो आपका बैंक अकाउंट नेगेटिव में चला जाता है. ऐसे में आपको मिनिमम बैलेंस को लेकर सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी. इस तरह से आप बैंक अकाउंट मैनेज कर सकते हैं.
बैंक को मिलता है ज्यादा अकाउंट से फायदा
बैंकों को ज्यादा अकाउंट्स से काफ़ी फायदा मिलता है. हर बैंक मैसेज भेजने के लिए हर महीने एक अमाउंट चार्ज करता है. आपको बैंक अकाउंट मेंटेन करने की भी एक कॉस्ट देनी होती है. वहीं बैंक के डेबिट कार्ड के लिए भी एक सालाना फीस देनी पड़ती है. ऐसे में आपको जितने बैंक अकाउंट की जरूरत है उतने ही खुलवाने चाहिए.
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