जबलपुर। अग्निबाण द्वारा सतत रूप से मौलाना इम्तियाजुल कादरी के काले कारनामों की पोल खोली जा रही है कि कैसे बिल्डरों को चूना लगाकर मदरसे की जमीन का सौदा करने के उपरांत महाराजपुर स्थित जमीन जिस पर हाईकोर्ट द्वारा स्टे लगा दिया गया था वहां पर भी मौलाना द्वारा जमीन का क्रय-विक्रय किया किया जा रहा है। इसी श्रंखला में धीरे-धीरे कई गरीब परिवारों की शिकायतें भी अग्निबाण को प्राप्त हुई है जिसमें कि मौलाना द्वारा इनके घरों पर कब्जा किया गया है इसके साथ मौलाना स्वयं को जबलपुर मुफ्ती भी बताता है।
खुद को बताता है जबलपुर मुफ्ती
स्थानीय सूत्रों के अनुसार मौलाना इम्तियाजुल कादरी स्वयं को जबलपुर का मुफ्ती आजम घोषित कर बैठा है और समाज में अपने आप को जबलपुर का ”मुफ्ती” बताता है। ज्ञात हो मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सनद मौलाना इम्तियाजुल को नहीं दी गई है। फिर कैसे मौलाना अपने आप को मुफ्ती बताता है यह समझ से परे है! पिता भूरे पहलवान के साथ मिलकर मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश बनने के लिए भी कई प्रकार के षड्यंत्र रचे थे, जिसका खुलासा अग्निबाण के अगले अंक में किया जाएगा और पाठकों के समक्ष बताया जाएगा कि कैसे मौलाना इम्तियाज उल कादरी ने मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश बनने के लिए एक बहुत बड़ा खेल खेला था और उसमें वह सफल नहीं हो पाया।
जमीन पर लगाया कोर्ट ने स्टे, फिर भी बेच रहे हैं प्लाट
सूत्रों के अनुसार मौलाना इम्तियाज उल कादरी वा इसरार जिलानी द्वारा मिलकर वारेलाल की खसरा नंबर 267 महाराजपुर सुहागी में 2 एकड़ 85 डिसमिल जमीन बेचने का पावर लिया गया था। इस दौरान वारेलाल की मौत हो गई और मौलाना ने अपने साथी इसरार के साथ मिलकर कई प्लाटों की रजिस्ट्री भी कर दी और वारेलाल के बच्चों को पैसे भी नहीं दिए। जिसके बाद वारेलाल के पुत्रों ने कोर्ट की शरण ले ली और कोर्ट द्वारा मौलाना इम्तियाज व जिलानी पर आधारताल थाने को धोखाधड़ी मुकदमा कायम करने का आदेश दिया गया है परंतु मौलाना द्वारा कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अभी भी प्लॉटिंग करते हुए जनता को प्लाट बेच रहा है।
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