नई दिल्ली । हजमीयत उलेमा ए हिंद (Hazmiyat Ulema-e-Hind) के अध्यक्ष (President) मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madani) द्वारा अहमदाबाद बम धमाकों (Ahmedabad Serial Blast) में 38 दोषियों को फांसी की सजा और 11 को उम्र के देने के अदालत के फैसले पर बयान देते हुए कहा कि सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे और कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.
देश के नामी वकील दोषियों को फांसी से बचाने के लिए मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. हमें यकीन है कि हाई कोर्ट से पूरा न्याय मिलेगा. मौलाना अरशद मदनी के बयान का दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रघुराज सिंह (Raghuraj Singh) ने विरोध किया है और उनके लिए भी फांसी की मांग की है. ठाकुर रघुराज सिंह अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं.
उत्तर प्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रघुराज सिंह ने कहा कि, “मैं कहता हूं कि मदनी साहब खुद साजिश में लिप्त हैं, इसलिए कोर्ट को संज्ञान लेते हुए मदनी साहब को भी फांसी की सजा सुनानी चाहिए. क्योंकि 56 लोग मर गए 200 लोग घायल हो गए इनको उनकी परेशानी महसूस नहीं हुई. उन्होंने उनके विषय में जरा भी नहीं सोचा. तत्काल कोर्ट संज्ञान ले और इनको भी फांसी की सजा दे. अगर इनके घर का कोई धमाके में मरता तो इन्हें कैसा लगता. क्योंकि दूसरे के बच्चे मरे, हिंदू मरे हैं इस कारण वह कोर्ट के फैसले को सही नहीं मान रहे हैं. इनको न्यायालय में विश्वास नहीं है. इनको संविधान में विश्वास नहीं है.
उन्होंने कहा कि, “सजा पाने वाले मुसलमान हैं, इसलिए मौलान खुल कर उनके बचाव में हैं. मुसलमानों के बचाव में खुल्लम खुल्ला अपना बयान देकर वह अपराध को बढ़ाना चाहते हैं. अपराधियों को शरण देना चाहते हैं. न्यायालय इनको तत्काल रुप से स्वयं में संज्ञान लेते हुए फांसी की सजा दे. ऐसे आतंकियों को जो भी बचाता है वह फांसी का हकदार है.”
अक्सर ठाकुर रघुराज सिंह राजनीतिक बयान और अपनी हिंदुत्ववादी कट्टरता के लिए जाने जाते हैं. अक्सर वह लगातार ऐसे बयान देते रहते हैं जो राजनीति में चर्चा बने रहते हैं. बता दें कि शुक्रवार को अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई. 49 में से 38 दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
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