ढाका/कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांग्लादेश के ओराकांदी (Prime Minister Narendra Modi Bangladesh’s Orakandi) पहुंचने वाले हैं। वे 26 मार्च से बांग्लादेश की यात्रा करेंगे और 27 मार्च को ओराकांदी जाएंगे। यह मतुआ शरणार्थियों का पैतृक स्थल है। यह वही शरणार्थी समुदाय है जो पश्चिम बंगाल विधानसभा की 60 से 65 सीटों को प्रभावित कर सकता है।
ओराकांदी हरिचंद ठाकुर (Orakandi Harichand Thakur) की जन्म-स्थली है, जो मतुआ समुदाय के गुरु माने जाते हैं। मतुआ समुदाय के लिये ओराकांदी की अहमियत किसी तीर्थस्थल से कम नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ओराकांदी आगमन की खबर से भारत और बांग्लादेश समेत दुनिया भर में जहां-जहां मतुआ समुदाय के लोग हैं, उनमें खुशी की लहर है। वे प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित दौरे को ईश्वर का आशीर्वाद मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दौरे के संदर्भ में ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने हरिचंद ठाकुर परिवार की छठी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे बांग्लादेश के काशियानी उप जिले के अध्यक्ष सुब्रत ठाकुर (Subrata Thakur) ‘हिल्टू’ से बातचीत की है। यहां प्रस्तुत है सुब्रत ठाकुर से ‘हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी’ के संवाददाता किशोर कुमार सरकार की बातचीत।
सवाल- भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ओराकांदी दौरे की अहमियत को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब- केवल बांग्लादेश और भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में पूरा मतुआ समुदाय नरेन्द्र मोदी के ओराकांदी आगमन के लिए उनका आभारी होगा। अब तक भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने पिछड़े हिंदू समुदाय मतुआ की खबर नहीं ली है। यह काम नरेन्द्र मोदी करने जा रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से लोगों के बीच एक नई जागृति पैदा होगी।
सवाल- पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में पीएम मोदी की ओराकांदी यात्रा को कुछ लोग राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। साथ ही मतुआ वोट बैंक के लिए उनका ‘मास्टर-स्ट्रोक मान रहे हैं। इसपर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब- भारत की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने मतुआ समुदाय को वोट बैंक के लिये इस्तेमाल किया है। हालांकि, नागरिकता देने की हमारी न्यायोचित मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 में सत्ता में आने से पहले मतुआ समुदाय को नागरिकता देने का वादा किया था। देर से ही सही, मोदी सरकार ने नागरिकता विधेयक पारित कर दिया है। ऐसे में कृतज्ञता कै तौर पर मतुआ समुदाय भाजपा को अधिक पसंद करे, यह स्वाभाविक है। निश्चित तौर पर पश्चिम बंगाल में भाजपा को मतुआ समुदाय के वोट अन्य दलों से अधिक संख्या में मिल सकते हैं।
सवाल- भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के प्रधानमंत्री के एक समुदाय विशेष के तीर्थस्थल की यात्रा को आप कैसे देखते हैं?
जवाब- एक हिन्दू प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi ) का हिन्दू तीर्थस्थल पर जाना किसी भी रूप में असामान्य घटना नहीं कही जा सकती। मेरे विचार में वोट की राजनीतिक के लिये अपनी धार्मिक मान्यताओं से मुंह मोड़ना पाखंड है। हर धर्म में लोगों को अपने धर्म के प्रति सम्मान होना चाहिए। भारत के वे हिंदू नेता, जिन्होंने बांग्लादेश आकर यहां के हिन्दू मंदिरों का रुख नहीं किया, वस्तुत: उन्होंने अपने ही धर्म के लोगों के साथ धोखा किया है। उप जिला चेयरमैन के तौर पर मुझे हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, इसाई सभी का समर्थन मिला है। मैं ठाकुरवाड़ी की संतान हूं अथवा मंदिरों में पूजा-अर्चना करता हूं। क्या इसलिये मुझे अन्य धर्मों के लोगों का समर्थन नहीं मिला? सच तो यह है कि हिन्दू मुस्लिम सभी के समर्थन से मैं उप जिला चेयरमैन बन पाया। भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे को भी सामान्य परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिये।
सवाल- क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओराकांदी में मतुआ समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे?
जवाब- मैंने सुना है कि नरेन्द्र मोदी 26 मार्च को बांग्लादेश आएंगे और 27 मार्च को गुरु हरिचंद ठाकुर को समर्पित हरिमंदिर में पूजा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के ठाकुर परिवार के 15 सदस्यों से मिलने का कार्यक्रम है। भारतीय उच्चायोग ने लगभग 400 प्रशंसकों की सूची संकलित की है, जिनके साथ भी भारतीय प्रधानमंत्री संक्षिप्त मुलाकात कर सकते हैं।(हि.स.)
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