नई दिल्ली (New Delhi)। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) मथुरा (Mathura) में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर (Sri Krishna Janmabhoomi Temple) से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण (Survey of Shahi Eidgah Complex) के लिए अदालत की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका पर आज अपना फैसला सुना सकता है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आवेदन पर 16 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था. यह आवेदन कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद (Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque dispute) के संबंध में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मुकदमे में दायर किया गया था।
‘भगवान श्री कृष्ण विराजमान’ और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से यह याचिका दायर की थी. इसमें दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के अनुसार, ‘आवेदन में इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता है।
याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे की मांग
इसके अलावा वहां ‘शेषनाग’ की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं। उन्होंने जन्म वाली रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी. अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है. आवेदक ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि कुछ निर्धारित समय अवधि के भीतर शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट निर्देशों के साथ कमीशन की नियुक्ति की जा सकती है।
इलाहाबाद HC देख रहा इस विवाद से जुड़े सभी केस
याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से शाही ईगाह मस्जिद के एएसआई सर्वे की पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का निर्देश देने की मांग भी की थी. वादी के वकील के अनुसार, विवाद के उचित निर्णय के लिए विवादित ढांचे के तथ्यात्मक पहलुओं को अदालत के समक्ष लाया जाना चाहिए क्योंकि विवादित क्षेत्रों की तथ्यात्मक स्थिति के बिना मामले का प्रभावी निर्णय संभव नहीं है. इस साल मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा अदालत के समक्ष लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था।
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