अग्निबाण एक्सक्लूसिव… 65 गांवों की 40 हजार हेक्टेयर जमीन की शामिल – चयनित याचिकाओं की जमीनों पर यथास्थिति रखते हुए प्लान घोषित करने की हाईकोर्ट ने दी अनुमति
इंदौर, राजेश ज्वेल। शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय ने बहुप्रतिक्षित पीथमपुर के मास्टर प्लान को घोषित कर दिया है। तमाम दावे-आपत्तियों की सुनवाई और निर्धारित प्रक्रिया के बाद पीथमपुर की विकास योजना-2035 को मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 19 (2) में उपांतरणों के साथ अनुमोदित करते हुए घोषित कर दिया है। पिछले दिनों हालांकि हाईकोर्ट ने पहले स्टे दिया था, उसके बाद कुछ चयनित याचिकाओं में शामिल जमीनों पर यथास्थिति के आदेश देते हुए शेष मास्टर प्लान को घोषित करने की अनुमति दे दी, जिसके चलते शासन ने गजट नोटिफिकेशन के साथ पीथमपुर के मास्टर प्लान-2035 को लागू कर दिया, जिसमें कुल 65 गांव शामिल किए गए हैं। इसमें इंदौर जिले के 35 गांव शामिल हैं। इन सभी गांवों का कुल क्षेत्रफल लगभग 40 हजार हेक्टेयर होता है।
अभी सबसे अधिक जोर औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर है, क्योंकि बड़े पैमाने पर उद्योग और निवेश आ रहा है। पीथमपुर सेक्टर-7 के साथ ही इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर पर भी काम किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ पीथमपुर विकास योजना-2035 यानी उसका मास्टर प्लान भी अंतत: शासन ने घोषित कर दिया। इसमें 65 गांव शामिल हैं, जिनमें से 31 आंशिक और 34 गांव पूरी तरह से शामिल किए गए हैं। एमपीआईडीसी द्वारा जो निवेश क्षेत्र तय किया है उससे इस मास्टर प्लान के एरिये को अलग रखा गया है। इसमें धार जिले के 30 और इंदौर जिले के 35 गांव शामिल हैं। कुल क्षेत्रफल लगभग 40 हजार हेक्टेयर यानी 1 लाख एकड़ का इस मास्टर प्लान में शामिल है, जिसमें निवेश क्षेत्र का क्षेत्रफल 27 हजार हेक्टेयर होता है। इसमें धार जिले ेक लेबड़, सेजवाया, टेहरी, पिपल्दा, बलसाड़ाखुर्द, एकलदना, दिग्ठान, गुणावद, मिर्जापुरा, नाजिक बड़ौदा, निजामपुरा, कुमार कराडिय़ा गांवों की तो लगभग पूरी जमीनें ली गई हैं, जबकि उमरिया, बगोदा, बक्साना, कल्याणसीखेड़ी, बिचौली, खंडवा, माधवपुर का आंशिक क्षेत्र एमपीआईडीसी के एरिया को छोडक़र लिया गया है। इसी तरह इंदौर तहसील में नरलाय, मोकलाय, डेहरी के साथ-साथ महू तहसील के भैंसलाय, सोनवाय, पिपल्या मल्हार, कवटी, गोपालपुरा आदि गांवों की जमीनें तो पूरी शामिल की गई हैं, तो टीही, भाटखेड़ी और बंजारी की आंशिक जमीनें ली गई, तो देपालपुर तहसील में ओसरोद, ताजखेड़ी, झलारिया, मोथला, पीर पीपल्या, चीराखान, सेजवानी, बगोदा, माचल, गलोंडा, धरावरा की जमीनें पूरी शामिल है, तो बंदीपुरा, बेटमाखुर्द, भंवरगढ़, बीजेपुर, सलमपुर, रणमल बिल्लौद, धन्नड़, सांगवी, घाटा बिल्लौद, मेथवाड़ा, करवासा और किशनपुरा में एमपीआईडीसी की जमीनों को छोडक़र आंशिक यानी बची जमीनें इस मास्टर प्लान में शामिल है। इसके अलावा गवला, भोंडिया, जामोदी, आगराखेड़ी, सिलोटिया, पीथमपुर, जो कि नगर पालिक क्षेत्र में शामिल है की जमीनें ली गई है। इसके अलावा अकोलिया, बरदरी, खेड़ा, सागोर, बगदून, मंडलावदा की भी आंशिक जमीनें और बेटमाखास नगर पंचायत क्षेत्र भी शामिल किया गया है। पीथमपुर के घोषित मास्टर प्लान में आवासीय उपयोग की जमीनें साढ़े 5 हजार हेक्टेयर, मिश्रित उपयोग की 1820, वाणिज्यिक 1124, औद्योगिक 4322, ईएसपी 406, आमोद-प्रमोद 2610, यातायात और परिवहन के लिए 2353 हे. के अलावा सार्वजनिक उपयोग और अन्य सुविधाओं के लिए साढ़े 13 हेक्टेयर जमीनें चिन्हित की गई है।
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