नई दिल्ली: कुवैत के दक्षिणी मंगाफ (Southern Mangaf of Kuwait) में एक इमारत में आग लग गई (building caught fire). घटना में 40 भारतीयों की मौत (40 Indians died) हो गई. हादसे में 30 भारतीय घायल हुए हैं और तकरीबन 90 भारतीयों को रेस्क्यू किया गया है.आग बुधवार सुबह लगी थी. कुवैत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, सभी घायलों को इलाज के लिए आसपास के कई अस्पतालों में ले जाया गया है. मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल टीमें घायल हुए लोगों को उचित चिकित्सा देने की पूरी कोशिश कर रही हैं. उधर भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दुख जताया है.
हादसे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा कि आग लगने की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है. 40 से अधिक मौतें हुई हैं और 50 से अधिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमारे राजदूत शिविर में गए हैं. हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि उन लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना, जिन्होंने दुखद रूप से अपनी जान गंवाई. जो लोग घायल हुए हैं उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
रिपोर्ट के मुताबिक, आग बुधवार सुबह 4:30 बजे एक लेबर कैंप के किचन में लगी. कुछ लोगों की मौत आग देखकर अपार्टमेंट से बाहर कूदने के बाद हुई, जबकि अन्य जलने और धुएं में सांस लेने के कारण मारे गए.एक रिपोर्ट के अनुसार, इमारत में लगभग 195 मजदूर रहते हैं. उसका स्वामित्व एक मलयाली व्यवसायी केजी अब्राहम के पास है. हालांकि आग पर काबू पर पा लिया गया है, लेकिन अभी भी कुछ लोगों के अंदर फंसे होने की खबर है. कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी मंगाफ जिले में जहां आग लगी है वह इलाका विदेशी मजदूरों से भरा हुआ है.कुवैन के उप प्रधान मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने घटनास्थल का दौरा करने के दौरान इमारत के मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. शेख फहद ने कहा कि रियल एस्अेट मालिकों का लालच ही ऐसे मामलों को जन्म देता है.
कुवैन के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक जिस इमारत में आग लगी वहां सिर्फ मजदूर ही रहते थे. इनमें से दर्जनों लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से धुएं की वजह से ही भारतीय मजदूरों की मौत हुई है. अलजजीरा से बात करते हुए सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम लोगों को इस बारे में चेतावनी देते रहते हैं, लेकिन फिर भी लेबर कैंप में मजदूरों को बुरी तरह ठूंसा जाता है, जिस तरह के हादसे होते हैं. इमारत में आग कैसे लगी अभी तक यह साफ नहीं है, माना जा रहा है कि इस बारे में जांच की जा रही है. इसके अलावा अभी तक कुवैत की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. मरने वाले लेबर भारत में कहां के थे, ये भी साफ नहीं हो सका है. कुवैत में भारतीय राजदूत के अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश में लगे हैं कि आखिर ये भारतीय कहां के थे.
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