इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के उत्तरी शहर सियालकोट (Sialkot) में रविवार को एक बड़ा धमाका (Blast in Sialkot) हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी दी गई है. धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इसे पंजाब प्रांत में छावनी क्षेत्र (Blast in Pakistan) के पास तक सुना गया. द डेली मिलाप के एडिटर ऋषि सूरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘उत्तरी पाकिस्तान में सियालकोट मिलिट्री बेस (Sialkot military base Blast) पर कई विस्फोट हुए हैं. प्रारंभिक संकेत ये मिल रहे हैं कि यह एक गोला बारूद स्टोरेज एरिया है. धमाके के बाद एक बड़ी आग जलती हुई देखी जा रही है. अभी तक विस्फोट के पीछे की असल वजह का पता नहीं चल पाया है.’
पड़ोसी मुल्क में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हालांकि, पहले हुए घटनाओं में बलूच विद्रोहियों ने सैन्य अड्डों को निशाना बनाया है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जिस सियालकोट मिलिट्री बेस पर धमाके हुए हैं, वो सियालकोट कैंट एरिया में आता है, जो मुख्य शहर से सटा हुआ है. सियालकोट कैंट एरिया पाकिस्तान का सबसे पुराना और सबसे जरूरी कैंट एरिया है. इसकी स्थापना 1852 में ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा की गई थी. वहीं, धमाके के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. इन वीडियो में मिलिट्री बेस के ऊपर से आग की लपटों और धुएं को उठते हुए देखा जा सकता है.
बलूचिस्तान में हुए धमाके में तीन की मौत
इससे पहले, दो मार्च को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में एक पुलिस वैन के पास हुए विस्फोट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समेत तीन लोगों की मौत हो गयी थी और 24 अन्य घायल हो गए थे. क्वेटा के फातिमा जिन्ना रोड पर यह हमला हुआ था और खुफिया सूचना के अनुसार, धमाके में दो से ढाई किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था. उप महानिरीक्षक, ऑपरेशन्स फिदा हुसैन ने मीडिया को बताया था कि शाम करीब सात बजे तब जोरदार धमाका हुआ तो इलाके में सिटी पुलिस थाने की एक पुलिस मोबाइल वैन मौजूद थी.
उन्होंने कहा था, हम नहीं जानते कि विस्फोट कैसे हुआ. लेकिन विस्फोट से काफी नुकसान हुआ है, तीन लोगों की मौत हो गयी और पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम दो दर्जन लोग घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. घटना में उप अधीक्षक पद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गयी, जो वैन में मौजूद था. पाकिस्तान में हमेशा ही इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं. हालांकि, सियालकोट की घटना को लेकर अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या ये कोई आतंकी घटना थी या फिर गलती से हुई कोई दुर्घटना.
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