नई दिल्ली। मासिक शिवरात्रि(Masik Shivratri ) पर भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं (all wishes) पूरी हो जाती हैं और भगवान शिव (Lord Shiva) की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर को समर्पित होता है। कल आश्विन मास (ashwin month) की मासिक शिवरात्रि है। मासिक शिवरात्रि पर रात्रि में पूजा का विशेष महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि पर विधि- विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि पूजा- विधि(worship method), शुभ मुहूर्त, और सामग्री की पूरी लिस्ट…
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि…
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें। भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें।
भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा अवश्य करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें। ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें। भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान की आरती करना न भूलें। कन्या राशि में प्रवेश करेंगे शुक्र देव, मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक वाले होंगे सबसे अधिक प्रभावित, पढ़ें अपनी राशि का हाल
मासिक शिवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
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