नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड आने वाले दिनों में एसयूवी सेगमेंट में अपनी मौजूदगी को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है. कार निर्माता ने घोषणा की है कि वह इस साल 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी, जिसका उपयोग अन्य क्षेत्रों के अलावा नए एसयूवी मॉडल के विकास के लिए किया जाएगा.
मारुति ने इस साल की शुरुआत में नई जनरेशन की ब्रेज़ा को लॉन्च करते समय अपनी एसयूवी योजनाओं को स्पष्ट कर दिया था. त्योहारी महीने से ठीक पहले ग्रैंड विटारा मारुति सुजुकी की सबसे बड़ी लॉन्चिंग में से एक थी. आगामी एसयूवी में मारुति कथित तौर पर तीन-पंक्ति एसयूवी की भी योजना बना रही है. मारुति वर्तमान में पूरे देश में अपनी मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में हर साल 22 लाख से अधिक कारों का निर्माण करती है. जिसमें गुजरात में सुजुकी की सुविधा भी शामिल है. हरियाणा में मानेसर और गुरुग्राम प्लांट सालाना लगभग 15.5 लाख यूनिट का उत्पादन करते हैं.
मारुति हर साल बनाएगी 2.5 लाख से ज्यादा कार
मारुति के 7,000 करोड़ के निवेश का उपयोग हरियाणा के सोनीपत के पास बने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के निर्माण के लिए भी किया जाएगा. मारुति ने सोनीपत प्लांट के पहले चरण में 11,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. खरखोदा स्थित प्लांट देश में इसकी तीसरी फैक्ट्री होगी. मारुति का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में इसे चालू करना है और पहले चरण में सालाना लगभग 2.5 लाख इकाइयों का उत्पादन करने की उम्मीद है.
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अजय सेठ ने बताया कि सोनीपत जिले में नये संयंत्र पर काम शुरू कर दिया है. सेठ ने कहा कि ब्रेज़ा और ग्रैंड विटारा दोनों की सफलता के बाद मारुति अब एसयूवी सेगमेंट में और मॉडल लाने की इच्छुक है. हालांकि, सप्लाई चेन मुद्दों ने इस साल मारुति के उत्पादन को प्रभावित किया है. इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों की कमी के कारण चालू वर्ष में यह लगभग 35,000 कारों का निर्माण करने में विफल रहा. दूसरी तिमाही के अंत में मारुति के पास फिलहाल 4.12 लाख वाहनों का बैकलॉग है. इसके नवीनतम मॉडल, जिसमें ब्रेज़ा और ग्रैंड विटारा भी शामिल हैं, जिनकी लगभग 1.3 लाख की डिलीवरी पेंडिंग है.
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