नई दिल्ली: देश में एसयूवी का मतलब समझाने वाली गाड़ी मारुति सुजुकी जिप्सी का नया अवतार सामने आया है. आर्मी के ऑफिशियल व्हीकल के तौर पर अपनी पहचान रखने वाली जिप्सी को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कर दिया गया है. जिप्सी में इलेक्ट्रिक मोटर को रिट्रोफिट किया गया है और इसे बैटरी पैक से जोड़ दिया गया है. इस कारनामे को इंडियन आर्मी, आईआईटी दिल्ली और टैडपोल ईवी नामक स्टार्टअप ने मिलकर किया है.
तैयार की गई ऐसी जिप्सी को आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान शोकेस किया गया है. दरअसल ये नई जिप्सी नहीं है और पुरानी जिप्सी के ही इंजन को रिप्लेस किया गया है. इसके साथ ही इसके सस्पेंशन में भी बदलाव किया गया है. बैटरी पैक और मोटर के साथ तीन तरह के ड्राइविंग मोड्स दिए गए हैं.
सफेद और हरे रंग में तैयार की गई इस जिप्सी को हार्ड टॉप रखा गया है. हालांकि इसके स्पेसिफिकेशंस और फीचर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. न ही इसको तैयार करने की कीमत के बारे में खुलासा किया गया है. गौरतलब है कि जिप्सी का प्रोडक्शन कुछ साल पहले ही मारुति सुजुकी ने आम लोगों के लिए बंद कर दिया था लेकिन आर्मी के लिए ये जारी था. लेकिन अब इसका प्रोडक्शन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
कितनी होंगी सक्सेसफुल
जिप्सी का इलेक्ट्रिक वेरिएंट यदि तैयार किया जाता है तो ये आर्मी के लिए शहरी इलाकों में तो अच्छा रहेगा लेकिन दुर्गम इलाकों में इस वेरिएंट से न तो उतनी पावर मिल सकेगी जितनी पेट्रोल इंजन से मिलती है और न ही ये ज्यादा रेंज दे सकेगी. ऐसे में इसे आर्मी के शहरी बेस के लिए तो उपयुक्त माना जा रहा है लेकिन बॉर्डर इलाकों में इसका इस्तेमाल फिलहाल मुश्किल होगा.
क्या सभी जिप्सी बदलेंगी
आर्मी में अभी भी बड़ी संख्या में जिप्सी हैं. ऐसे में इन सभी को इलेक्ट्रिक किया जाएगा या नहीं इस बारे में कोई भी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के बाद से सेना में भी इलेक्ट्रिक कारों की खरीद शुरू की गई थी. इसी कड़ी में सेना का टाटा नेक्सॉन ईवी को लेकर भी करार हुआ था. वहीं सेना के स्टेशनों और मुख्यालयों में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण भी किया जा रहा है.
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