डेस्क: दुनियाभर में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. WHO कि रिपोर्ट बताती है कि भारत में भी पिछले 10 सालों में स्तन कैंसर के मामलों में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस बीमारी के बारे में महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी है. इस वजह से ब्रेस्ट कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में रिपोर्ट किए जाते हैं. इनमें कई मामलों में मरीज की मौत भी हो जाती है. डॉक्टर बताते हैं कि खराब लाइफस्टाइल और शराब की बढ़ती लत से इस कैंसर के केसज में काफी इजाफा हो रहा है. अगर समय पर इसकी पहचान और इलाज न कराया जाए तो ये जानलेवा भी साबित होता है.
कैंसर विशेषज्ञ डॉ अनुराग कुमार बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामले एक चिंता का कारण हैं. अब महिलाओं का लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें खराब हो रही है. मोटापा बढ़ रहा है. एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी कम है. लक्षण दिखने के बावजूद भी कई बार मरीज इलाज कराने से बचता है. इससे कई मामले चौथी स्टेज में रिपोर्ट होते हैं. हालांकि अगर समय पर इस कैंसर की पहचान कर ली जाए तो आसानी से इलाज किया जा सकता है.कुछ शुरुआती लक्षणों की पहचान से ब्रेस्ट कैंसर का पता लग सकता है.
अधिक उम्र में शादी से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
डॉक्टर बताते हैं कि जो महिलाएं अधिक उम्र में शादी करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. आजकल देखा जाता है कि करियर की वजह से शादी देरी से की जाती है और बच्चा प्लान करने में भी दो से तीन साल का समय लिया जाता है. कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि बेबी को ब्रेस्टफीडिंग कराने से स्तन कैंसर का खतरा कम होता है.
डॉ बताते हैं कि कई महिलाएं अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराती हैं. ऐसे में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग से हार्मेन में गड़बड़ होने की आशंका कम रहती है. जो महिलाएं बच्चे को ब्रेस्ट फीड नहीं करती है उनमें हार्मोन का बेंलेस ठीक नहीं रहता है. जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है. कुछ मामलों में जीन की वजह से भी ये कैंसर होता है, लेकिन इसकी दर काफी कम है.
महिलाओं में कैंसर होने के ये दो बड़े कारण भी माने जाते हैं
1. लंबे समय तक गर्भनिरोधक का इस्तेमाल : लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल करने से भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. क्योंकि इन दवाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा काफी अधिक होती है. जिसके बढ़ने से कैंसर हो सका है. ऐसे में इनका उपयग कम से कम करना चाहिए. बिना डॉक्टरी सलाह के ऐसी दवाएं नहीं लेनी चाहिए.
2. शराब की लत : जर्नल ऑफ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की रिपेर्ट बताती है कि शराब की लत की वजह से भीब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है. जो महिलाएं नियमित रूप से शराब का सेवन करती हैं उनमें इस कैंसर की दर ज्यादा देखी गई है.
ऐसे करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान
ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ होना स्तन कैंसर का शुरुआती लक्षण होता है. हालांकि हर गांठ कैंसर कारक नहीं होती है, लेकिन अगर गांठ है तो इसकी जांच करानी चाहिए. कुछ मामलों में ब्रेस्ट के आकार में भी बदलाव दिखाई देने लगता है और दर्द महसूस होता है.
हालांकि हर गांठ कैंसर कारक नहीं होती है, लेकिन अगर गांठ है तो इसकी जांच करानी चाहिए. इसके लिए कुछ टेस्ट कराए जा सकते हैं. इसमें मैमोग्राम टेस्ट और स्तन का सैल्फ एगजामिनेशन भी कर सकते हैं कि कोई गांठ तो नहीं है.अगर स्तन कैंसर का कोई भी लक्षण दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
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