इंदौर। पलासिया क्षेत्र में लावारिस हालत में घूमती मिली एक युवती को महिला बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर में आश्रय दिया गया। काउंसलिंग करने पर पता लगा कि उसकी शादी बिना फेरे और वरमाला के ही घरवालों ने जबरदस्ती कर दी है, जिससे खिन्न होकर घर छोडक़र भाग गई। पहले तो युवती कुछ भी बताने को तैयार नहीं थी, लेकिन जब यहां की प्रशासक डॉ. वंचना सिंह परिहार ने दिलासा दिया कि आप निश्चिंत होकर पूरी बात बात कहें, तब उसने बताया कि वह घर से भागकर आई है। मेरी शादी घरवालों ने बिना फेरे और वरमाला के जबरदस्ती करा दी है। मेरी सास गालियां देती है और पति बंदर जैसा है। राखी पर मायके आई तब भाई ने मारा और कहा कि ससुराल नहीं जाना चाहती तो निकल जा, जिससे परेशान होकर घर छोड़ दिया हुै।
परिजनों सहित गांव के सरपंच के सुपुर्द किया
युवती उदियापुरा के मंगरादेव गांव की है। गांव से उसके माता-पिता सहित गांव के सरपंच आए तो उन्हें समझाया गया कि यह वन स्टॉप सेंटर पर सुरक्षित थी। आप सुनिश्चित कीजिएगा कि कोई उसे प्रताडि़त न करे। माता-पिता से भी परामर्शदात्री ने चर्चा की। भील समाज में प्रचलित लाड़ी- लुगड़ा प्रथा के अंतर्गत युवती का विवाह हुआ था, जिससे वह आहत थी।
5 माह में घरेलू हिंसा के 66 प्रकरण सुलझाए
महिला बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर द्वारा पिछले 5 माह में घरेलू हिंसा के 66 प्रकरण सुलझाए गए हैं। ज्यादातर मामलों में पत्नियों द्वारा पति और ससुराल पक्ष पर प्रताडऩा का आरोप लगाया गया था। यहां के अधिकारियों द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश देकर मामले सुलझाए गए। कुछ मामलों में पूर्व में पुलिस थाने में समझौता भी हो चुका था, लेकिन बाद में विवाद बढऩे पर यहां आया। इसके बाद काफी सूझबूझ से अधिकारियों की समझाइश पर उनके घरों में खुशियां लौट आई हैं।
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