जबलपुर। एक युवक को बर्बर तरीके से पीटने वाले शहपुरा थाने के पुलिस स्टाफ के खिलाफ जनाक्रोश भड़क रहा है। पुलिस पर आरोप है कि उसने युवक इस कदर पीटा कि उससे बैठते-उठते नहीं बन रहा था,इसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाए पाटन जेल भिजवा दिया। युवक का नाम सुदर्शन है,वो कुलोन गांव का रहने वाला है। शहपुरा पुलिस ने सुदर्शन के घर से अवैध शराब की बिक्री की सूचना पर उसे उठाया था और पूछताछ के लिए थाने लाया गया था।
झूठा केस दर्ज कर थाने में पीटा
शहपुरा के समाजसेवी जंग बहादुर ने आरोप लगाया कि सुदर्शन सिंह (48) के घर पर पुलिस ने अवैध शराब के शक में छापा मारा था। जब उन्हें वहां शराब नहीं मिली तो उसे जमकर पीटा। उस पर झूठा मामला दर्ज कर थाने में बंदकर पीटा। उन्होंने कहा कि मारपीट के बाद उसे तहसीलदार की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
जेल रजिस्टर में दर्ज है चोटों का ब्यौरा
पाटन उप-जेल के जेलर हेमेंद्र बागरी ने बताया कि 9 अप्रैल को शहपुरा थाना पुलिस बीएनएस की धारा 170, 171 के तहत जेल लेकर आई थी। सुदर्शन जब जेल आया था, उस दौरान पहले से ही उसके शरीर पर निशान थे। इसका रजिस्टर में उल्लेख करने के बाद पुलिस और पीडि़त से साइन भी करवाए थे। सुदर्शन 9 अप्रैल से 13 अप्रैल तक जेल में था। 14 की सुबह जेल से तहसीलदार को जानकारी दी गई कि उसकी हालत बिगड़ रही है। इसके बाद उसे जेल से रिहा कर दिया था। उधर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि युवक क्षेत्रीय विधायक ने शराबबंदी के खिलाफ पूरे विधानसभा में पदयात्रा की थी। 9 अप्रैल को पदयात्रा शहपुरा में थी। इस दौरान सुदर्शन सिंह ने महिलाओं के साथ छेडख़ानी की थी।
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