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    बाजार भाव से होगी खरगौन दंगों के नुकसान की भरपाई

  • May 01, 2022

    • मप्र में लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली नियम के तहत पहली कार्रवाई होगी

    भोपाल। राज्य सरकार ने दंगों, प्रदर्शन या अन्य घटनाओं में सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मप्र लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम 2022 के नियम तय कर दिए हैं। इसके तहत प्रदेश में खरगौन दंगों में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। खास बात यह है कि दंगों में जो नुकसान हुआ है, उसकी अदायगी बाजार भाव से होगी। अधिनियम के तहत क्लेम ट्रिब्यूनल को यह अधिकार दे दिया गया है कि किसी के घर, दुकान, दफ्तर या अन्य संपत्ति में धातुओं से जुड़ी चीज के साथ संगमरमर की टाइल्स को नुकसान हुआ है तो उसका पैसा भी बाजार दर से लौटाया जाएगा। इसमें छत के निर्माण, दरवाजे, खिड़कियों को बनाने में इस्तेमाल किए गए स्टील, लोहे, एल्यूमीनियम, कांच, महंगी लकड़ी, पत्थर या अन्य वस्तु भी शामिल है। ट्रिब्यूनल बाजार दरों से नुकसान की भरपाई कराएगा। यह नियम तब अधिसूचित हुए हैं, जब खरगोन दंगों के बाद एक ट्रिब्यूनल मौके पर पहुंचकर पीडि़त पक्ष के आवेदन लेने में लगा है। मप्र लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली नियम 2022 में ट्रिब्यूनल को मिलने वाले अधिकार भी साफ कर दिए गए हैं। साथ ही राज्य सरकार भी चाहे तो एक ही घटना पर एक से अधिक ट्रिब्यूनल तय मियाद तक बना सकेगी। लेकिन कोई भी ट्रिब्यूनल एक सदस्यीय नहीं होगा।



    क्लेम ट्रिब्यूनल के ये होंगे अधिकार
    राज्य सरकार तीन अधिकारियों का पैनल ट्रिब्यूनल को भेजेगी। उन्हीं में से एक को ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष क्लेम कमिश्नर नियुक्त करेंगे। दावेदार का आवेदन और मूल्यांकन रिपोर्ट देखने के बाद क्लेम कमिश्नर ट्रिब्यूनल को अपना मत देंगे। ट्रिब्यूनले फोटो, वीडियो या सीसीटीवी फुटेज के लिए पुलिस, निजी संस्थान या किसी व्यक्ति को बोल सकेगा। ट्रिब्यूनल के फैसले को 90 दिन के भीतर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद यदि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाला भरपाई नहीं करता तो कलेक्टर की जवाबदारी होगी कि वह हर्जाने की रकम समय पर दिलवाए। सरकारी संपत्ति के नुकसान के मामले में राजपत्रित अधिकारी को मूल्यांकनकर्ता नियुक्त किया जाएगा। यहां बता दें कि राज्य शासन ने खरगौन दंगों के नुकसार के आंकलन के लिए पिछले महीने क्लेम ट्रब्यूनल का गठन कर दिया है। ट्रब्यूलन ने 25 मई तक नुकसान के दावे मांगे हैं।

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