नई दिल्ली (New Delhi)। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी (World’s largest software company) माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने अपनी सेवाओं में आ रही दिक्क्तों के बीच कहा कि वह तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर (software) मंच के अपडेट की वजह से विंडोज संचालित उपकरणों के प्रभावित होने की समस्या से अवगत है। हमें उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान जल्द निकाल लिया जाएगा।
दरअसल, शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन (microsoft server down) होने से दुनिया की रफ्तार पर अचानक से ब्रेक लग गए। ये आईटी क्रैश (it crashes) हाल के वर्षों में सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया है। इसे डिजिटल महामारी (The Digital Pandemic) तक कहा जा रहा है। इस आईटी संकट को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की साजिशों के झूठे दावे चल रहे हैं, जिनमें एक है कि ये तीसरे विश्वयुद्ध (Third World War) की शुरुआत है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह दुनिया के शीर्ष वर्ग को निशाना बनाकर किया गया साइबर अटैक है।
माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने से थमी दुनिया की रफ्तार
माइक्रोसॉफ्ट सर्वर के डाउन होने से दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल्स और वित्तीय संस्थानों पर असर पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आईटी संकट के चलते दुनिया भर में करीब 3 प्रतिशत यानी कि 4295 फ्लाइट कैंसिल हुईं। इनमें से 1100 फ्लाइट्स तो अकेले अमेरिका में रद्द हुईं। वहीं 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स की उड़ान में देरी हुई। इसके चलते दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ देखी गई और कई जगह यात्रियों ने हंगामा भी किया। माइक्रोसॉफ्ट सर्वर के डाउन होने से दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले 95 प्रतिशत कंप्यूटर और लैपटॉप ठप पड़ गए।
सोशल मीडिया पर दिन भर चलती रहीं अफवाहें
इसे लेकर शुक्रवार (19 जुलाई) को दिनभर तरह-तरह के भ्रामक दावे किए जाते रहे। सोशल मीडिया मंच एक्स पर ऐसी अफवाहें चलती रहीं कि दुनिया पर नापाक ताकतों ने हमला कर दिया है। एक यूजर ने लिखा कि ‘मैंने कहीं पढ़ा था कि तीसरा विश्व युद्ध मुख्य रूप से साइबर युद्ध होगा।’ कुछ यूजर्स ने ये भी दावा किया कि इस आईटी संकट के पीछे विश्व आर्थिक मंच है। इसके समर्थन में यूजर्स ने विश्व आर्थिक मंच के एक पुराने वीडियो का जिक्र किया, जिसमें कोरोना महामारी जैसे साइबर अटैक की आशंका व्यक्त की गई थी। विश्व आर्थिक मंच की पुरानी वीडियो में बताया गया था कि साइबर हमले के खतरे को तेजी से फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका लाखों कमजोर उपकरणों को एक दूसरे और इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करना होगा।
एक सॉफ्टवेयर अपडेट से शुरू हुई परेशानी
अमेरिकी एंटी वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के एक सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते माइक्रोसॉफ्ट के आईटी संकट की शुरुआत हुई। इसके चलते कंप्यूटर स्क्रीन पर नीले बैकगाउंड के साथ संदेश दिखा। इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है। इस स्थिति में कंप्यूटर सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होने शुरू हो गए। इसके चलते डेटा खोने की आशंका भी बनी रहती है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने इस संकट से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह उसकी गलती नहीं है बल्कि यह थर्ड पार्टी की दिक्कत है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुद भी इसे दूर करने के लिए कुछ नहीं किया और इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इस समस्या को दूर करेगी।
इधर, माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हम तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर मंच के अपडेट के कारण विंडोज उपकरणों को प्रभावित करने वाली समस्या से अवगत हैं। हमें उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान जल्द निकाल लिया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आए संकट के चलते दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकों और व्यवसायों का संचालन प्रभावित हुआ है। भारत में इंडिगो, स्पाइसजेट, अकासा और एयर इंडिया एयरलाइंस ने अपने नेटवर्क पर ऑनलाइन चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं में व्यवधान का सामना किया। ऐसे में उन्हें ‘मैनुअल मोड’ अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक संकट से उसकी प्रणाली अप्रभावित हैं। वहीं, शेयर बाजार एनएसई और बीएसई ने भी कहा कि माइक्रोसॉफ्ट प्रणाली के वैश्विक संकट से उन पर कोई असर नहीं हुआ।
उल्लेखनीय है कि विश्व की सबसे बड़ी सॉफ़्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज सिस्टम में आए नए ‘अपडेट’ को डाउनलोड करने से दुनियाभर में उपयोगकर्ताओं को तकनीकी रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई तकनीकी खराबी से दुनियाभर में एयरलाइंस की उड़ानों, टीवी टेलिकास्ट, बैंकिंग सहित कई कार्पोरेट कंपनियों के कामकाज पर इसका व्यापक असर पड़ा है।
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