नई दिल्ली। चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पांच वर्षों के बाद हुए सम्मेलन के बाद वहां शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिखी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में आने वाले समय में विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर बिकवाली कर सकते हैं। बता दे कि पिछले दिनों चीन ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े को देर से जारी करने का एलान किया। खबरों के अनुसार पहली बार चीन से विदेशी निवेशक बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं। इसका असर आने वाले दिनों में वहां के शेयर बाजार पर दिख सकता है।
चीन की सत्ताधारी पार्टी के सम्मेलन में सहायक नीतियों में हुई कटौती और नए सिरे से कोविड प्रतिबंधों के कारण बाजार में निवेशकों की चिंताएं बढ़ने लगी है। इस वजह से विदेशी निवेशक चीन में मार्केट से अपने फंड की निकासी का मन बना रहे हैं। ब्लूमबर्ग केक आंकड़ों के अनुसार सोमवार को विदेशी निवेशकों ने बाजार ममें जबरदस्त बिकवाली की है।
विदेशी निवेशकों ने सोमवार को हांगकांग के साथ ट्रेडिंग लिंक के जिरए मेनलैंड शेयरों में रिकॉर्ड 17.9 अरब युना (लगभग 2.5 अरब डॉलर) की नेट बिकवाली की है। बाजार में फिलहाल अब तक स्मॉल नेट आउटफ्लो दिखा है। जानकारों के मुताबिक, अगर ये आउटफ्लो वर्ष के आखिर तक बना रहा, तो 2014 में शुरू हुए स्टॉक कनेक्ट प्रोग्राम के बाद से यह पहली सालाना गिरावट होगी।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के एक्सपर्ट मार्विन चेन के अनुसार चीनी शेयरों पर अब विदेशी सेंटीमेंट कम नजर आ रहे हैं। पार्टी के सम्मेलन से कोविड की नीतियों में किसी भी तरह के बदलाव नहीं होने के संकेत बाहर आए हैं। बाजार को अब दिसंबर में होने वाले सेंट्रल वर्क कॉन्फ्रेंस का इंतजार करना पड़ सकता है। इस बीच सभी की नजरें इस बात पर टिकी होंगी कि चीन का जी जिंनपिंग नेतृत्व अपनी इकोनॉमिक मुश्किलों का समाधान कैसे और क्या निकालेगा?
बता दें कि पिछले दिनों चीन ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े को देर से जारी करने का ऐलान किया था। चीन 18 अक्टूबर को अपनी जीडीपी के आंकड़े जारी करने वाला था, लेकिन इसे आखिरी मौके पर 17 अक्टूबर को भविष्य के लिए टाल दिया था। वहीं ब्लूमबर्ग के सर्वे के अनुसार, अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि अप्रैल-जून तिमाही की अवधि में लगभग जीरो ग्रोथ दिखने के बाद चीन की जीडीपी तीसरी तिमाही में 3.3 फीसदी रह सकती है।
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