इन्दौर। कोरोना वायरस के प्रकरणों में फिर इजाफा होने के बाद जिला प्रशासन ने चोइथराम मंडी को भी फिर बंद कर दिया है। मंडी बंद होने से यहां के व्यापारियों को भारी नुकसान होने की आशंका है। व्यापारियों का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज में लाखों रुपए के विदेशी फल रखे हुए हैं। अगर इन्हें समय पर निकालकर नहीं बेचा गया तो खराब हो सकते हैं।
मार्च में लागू किए गए लॉकडाउन से मंडी के कई व्यापारी लम्बे घाटे में आ गए हैं। व्यापारियों ने मुस्लिम समाज के रमजान माह को देखते हुए बड़ी संख्या में फल मंगाए थे और इन्हें मंडी स्थित कोल्ड स्टोरेज के अलावा अन्य स्थानों के कोल्ड स्टोरेज में रखा था। लॉकडाउन और कफ्र्यू के चलते चोइथराम मंडी में ही लाखों रुपए का संतरा, पपीता, सेवफल, केला और मौसंबी रखे-रखे ही सड़ गए थे, जिससे व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। लॉकडाउन खुलने पर मंडी को विशेष शर्तों के आधार पर खोला गया, मगर यहां के व्यापारियों की ही इस दौरान लापरवाही सामने आई। भीड़ को भी नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं की। इसके चलते जिला प्रशासन ने एक बार फिर मंडी को बंद करने का निर्णय लिया। व्यापारियों का कहना है कि मंडी में लाखों रुपए के विदेशी फल रखे हुए हैं। इनमें सेवफल के अलावा अन्य फल शामिल हैं। अगर इन्हें समय पर नहीं बेचा गया तो खराब हो जाएंगे। व्यापारियों ने जिला प्रशासन से इन फलों को मंडी से बाहर निकालने की अनुमति मांगी है।
तेजाजी नगर बायपास पर फिर व्यापार शुरू हुआ
इधर मंडी बंद होने से व्यापारियों ने अपना कामकाज फिर तेजाजीनगर बायपास से शुरू कर दिया है। चूंकि अभी महाराष्ट्र और दिल्ली सहित बिहार, उत्तरप्रदेश की कुछ मंडियां बंद हैं, लिहाजा इन राज्यों से बड़ी संख्या में फल मध्यप्रदेश में आ रहे हैं। खासकर आम की भरपूर आवक है और प्रतिदिन 100 से 150 गाडिय़ां इंदौर आ रही हैं। मंडी बंद होने पर तेजाजीनगर बायपास के साथ ही कुछ गार्डन और स्कूलों में फलों का थोक व्यापार शुरू हो गया है।
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