भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक सम्पदा, खनिज, जल और वन सम्पदा भरपूर (Natural wealth, mineral, water and forest wealth in Madhya Pradesh) हैं। प्रदेश में निर्यात बढ़ाने की काफी संभावनाएँ हैं। निर्यात बढ़ाने की दिशा में सरकार केवल अपने स्तर पर कार्य नहीं कर सकती। जो उद्यमी सक्रिय और अनुभवी हैं, उन्हें साथ लेकर राज्य सरकार इस दिशा में कार्य करेगी। बाजार और सरकार मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान वाणिज्य उत्सव 2021 में मध्यप्रदेश इंडियाज़ इमर्जिंग एक्सपोर्ट टाइगर कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश में निर्यात से संबंधित नए अवसरों को तलाशने के लिए यह एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव मिंटो हॉल में हुआ। भारत सरकार के वाणिज्य विभाग तथा प्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग का यह संयुक्त आयोजन है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के डिस्ट्रिक्ट एज़ एक्सपोर्ट हब विज़न का होगा क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न डिस्ट्रिक्ट एज़ एक्सपोर्ट हब को ध्यान में रखते हुए राज्य में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जा रहा है। यह एक हफ्ते में कार्य करना आरंभ कर देगी। प्रत्येक जिले में भी एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एम.पी. ट्रेड पोर्टल और एक्सपोर्ट हेल्पलाइन का शुभारंभ किया। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। इसी प्रकार मध्यप्रदेश ट्रेड पोर्टल औद्योगिक इकाइयों तथा निर्यातकों के लिए निर्यात से जुड़ी तकनीकों को समझाने और निर्यातकों को विश्व के प्रमुख आयातकों से जोड़ने में सेतु का कार्य करेगा। एक्सपोर्ट हेल्पलाइन के माध्यम से निर्यातकों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा सकेगा।
प्रदेश में औद्योगिक विकास पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए सुशासन तथा अर्थ-व्यवस्था और रोजगार सर्वोपरि हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश बढ़ाना होगा। हम प्रदेश में तेज गति से औद्योगिक विकास कर रोजगार सृजन पर फोकस कर रहे हैं। कोरोना की कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में औद्योगिक निवेश में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रदेश में फार्मा, ऑटो, टेक्सटाईल, गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग और इंजीनियरिंग सेक्टर के उद्योगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में सभी जिलों के 64 उत्पादों का चयन कर लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मार्केट सर्वे और वहाँ की माँग पर होगा ध्यान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश लेण्डलाक्ड स्टेट है, पर हमारे प्रदेश में विविधता बहुत है। स्थानीय स्तर पर भी निर्यात की गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। निर्यात बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। निर्यात की संभावनाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय मार्केट सर्वे और वहाँ की माँग, उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान और उत्कर्ष वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। हमारा प्रयास यह होगा कि हर जिले को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाए। जिलों में पैदा हो रहे कच्चे माल की प्रोसेसिंग कर वैल्यू एडिशन करते हुए निर्यात के लिए प्रयास होंगे।
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. सचिन चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ला ने कॉन्क्लेव की जानकारी दी। कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश एज़ एक्सपोर्ट पॉवर हाऊस, द एक्सपोर्ट्स फ्रॉम मध्यप्रदेश और अनलिशिंग एक्सपोर्ट अपार्च्युनिटीज विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ। इसमें भारत सरकार, राज्य शासन के अधिकारी तथा विभिन्न उद्योगों और व्यापारिक संगठनों तथा व्यापारिक इकाइयों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
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