मुंबई। मराठों को ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे अधिकार कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने बुधवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार मराठा समुदाय की आरक्षण संबंधी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वह आचार संहिता लागू होने के 48 घंटे के भीतर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। जरांगे ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यदि उनके समर्थक चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे और गठबंधन नहीं करेंगे। साथ ही वे सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा-राकांपा गठबंधन को हराने की कोशिश करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आचार संहिता का इंतजार कर रहे हैं…आचार संहिता लागू होने के बाद यदि हमारी मांगें स्वीकार नहीं की जाती हैं (उस समय तक) तो हम अगले 48 घंटे में विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे।’’ जरांगे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग पर जोर देने के लिए पिछले एक वर्ष से अधिक समय में कई बार अनशन किया है।
असंतुष्ट मराठा समुदाय द्वारा 113 निर्वाचन क्षेत्रों में सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों को हराने की कोशिश करने के उनके दावे के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, ‘‘यदि मराठा आरक्षण मुद्दा हल नहीं होता है तो हमारे पास 113 उम्मीदवारों की सूची है जिन्हें हम हराना चाहते हैं। लेकिन हम किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। अगर हम चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो हमारे उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे।’’
हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार भाजपा की जीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर राज्य में मुद्दे अलग-अलग हैं। जरांगे ने कहा, ‘‘हरियाणा में सभी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट दिया होगा। लेकिन भाजपा की आदत है कि सत्ता मिलने के बाद वह अपने मददगारों को ही छोड़ देती है। यहां मराठा समुदाय का मुद्दा है और आंदोलन अभी भी जारी है।’’उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में 55 प्रतिशत लोग मराठा समुदाय से हैं। जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘लगभग हर निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक लाख मराठा मतदाता हैं। हमारे पास उम्मीदवारों को हराने की पूरी क्षमता है।’’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved