इंदौर, संजीव मालवीय। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी में तवज्जो और उचित काम नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। इधर महू की महिला नेत्री कविता पाटीदार को पार्टी ने कल एक और जवाबदारी दे दी। इसको लेकर इंदौर से भोपाल तक राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है कि क्या जिले में पार्टी के पास एक ही चेहरा है, जिसे लगातार पद देकर उपकृत किया जा रहा है। यही नहीं पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करती है, लेकिन यहां सिद्धांत को ही ताक पर रख दिया है।
परसों ही पार्टी ने रफत वारसी को एक व्यक्ति एक पद को लेकर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा से हटा दिया था। वारसी को केवल अब हज कमेटी का अध्यक्ष ही बना रखा है, लेकिन इसके उलट महू की भाजपा नेत्री को पार्टी ने पहले प्रदेश महामंत्री बनाया। इसी पद पर रहते हुए उन्हें पार्टी ने राज्यसभा का चुनाव लड़ा दिया और वे राज्यसभा सदस्य भी हैं। इसके साथ ही उन्हें अभी हाल ही में पार्टी ने विशेष जनसंपर्क अभियान की प्रदेश की टोली में संयोजक भी बनाया और कई वरिष्ठ नेताओं को सदस्य बना दिया। इसको लेकर कुछ वरिष्ठ नेता नाराज भी नजर आए, क्योंकि पाटीदार उनसे काफी जूनियर हैं।
इसके अलावा कविता के पास पहले से ही युवा मोर्चा का प्रभार है और कल उन्हें महिला मोर्चे के प्रभारी की अतिरिक्त जवाबदारी दे दी। अब कविता के पास 4 संगठनात्मक पद हैं और राज्यसभा सदस्य भी है, जबकि पिछले दिनों तवज्जो नहीं मिलने के चक्कर में कई नेता संगठन के आला नेताओं को शिकायत कर चुके हैं और एक ही नेता को इतने पद दिए जाने को लेकर इंदौर से भोपाल तक चर्चा भी है कि आखिर संगठन कविता पर इतना मेहरबान क्यों हैं? वैसे कविता की निगाह महू विधानसभा सीट पर भी है और वीडी शर्मा की चली तो उन्हें यहां से टिकट भी दिया जा सकता है, क्योंकि वर्तमान विधायक और मंत्री उषा ठाकुर को लेकर उनके अपने ही अंदर ही अंदर बगावत कर रहे हैं।
संगठन प्रभारी तेजबहादुर का तेज बढ़ा
पिछले कई सालों से इंदौर जिले के संगठन प्रभारी तेजबहादुरसिंह चौहान इंदौर में समय दे रहे हैं, लेकिन कल उन्हें भी संभाग के अन्य जिलों का सहप्रभारी घोषित कर दिया गया। हाल ही में संगठन का प्रभारी राघवेन्द्र गौतम को बनाया है। इसके पहले प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी इंदौर संभाग के प्रभारी थे, लेकिन वे दो-दो प्रभार होने के कारण इंदौर को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे, वहीं सीएम की विधानसभा में रहने वाले रघुनाथ भाटी को भी इंदौर ग्रामीण का प्रभारी बनाया था, लेकिन उन्होंने भी व्यस्तता के कारण काम करने से मना कर दिया था। उनके स्थान पर रायसिंह सेंधव की नियुक्ति की गई है।
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