इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट के चल रहे काम को अब और गति मिलेगी। कल भोपाल में मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी के रूप में भी मनीष सिंह ने कार्यभार संभाल लिया और अधिकारियों की बैठक में कई नसीहतें भी दे डाली। दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो इंदौर-भोपाल में चलाई जाना है। लिहाजा पटरियां बिछाने, कोच खरीदी से लेकर कई महत्वपूर्ण टेंडर जो महीनों से लम्बित पड़े थे उन्हें अब ताबड़तोड़ मंजूरियां दी जा रही है। इंदौर-भोपाल में जिंदल स्टील को पटरियां बिछाने का ठेका मिला है, तो मेट्रो कार रोलिंग स्टॉक, जिसे कोच कहा जाता है उसका टेंडर भारतीय कम्पनी अलस्टाम ट्रांसपोर्ट को लगभग 3248 करोड़ का दिया गया है, जिसमें इंदौर मेट्रो के 75 और भोपाल के 81 कोच शामिल हैं।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी का पद भी एक तरह से खाली था, क्योंकि पूर्व एमडी के दिल्ली चले जाने के चलते नगरीय प्रशासन आयुक्त को अतिरिक्त प्रभार दे रखा था, जिसके चलते टेंडर सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं लम्बित पड़ी थी। मगर अभी एमपीआईडीसी के साथ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी की जिम्मेदारी मनीष सिंह को सौंपी गई। कल उन्होंने यह जिम्मेदारी भी संभाल ली और मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों-विशेषज्ञों की पहली बैठक ली, जिसमें इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में आ रही अड़चनों को दूर करने, टेंडर प्रक्रिया को गति देने के साथ-साथ जरूरत नसीहतें भी दी।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में ही मध्य क्षेत्र में अंडरग्राउंड या एलिवेटेड कॉरिडोर को लेकर गतिरोध जारी है। पिछले दिनों ताई ने भी इसका विरोध किया। मगर अब ये सभी अड़चनें भी जल्द दूर हो जाएगी। पिछले दिनों मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने कई टेंडर बुलाए थे, जिनमें से कुछ पूर्व में मंजूर हुए और बाकी महीनों से लम्बित पड़े थे। 156 कोच खरीदी के टेंडर के साथ-साथ पटरियां बिछाने के टेंडर भी मंजूर होना थे। जिंदल स्टील को पटरियां बिछाने का जिम्मा मिला है। इंदौर मेट्रो का काम चूंकि अभी गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर होते हुए एमआर-10, रेडिसन चौराहा, वहां से शहीद पार्क और रोबोट चौराहा तक तेज गति से चल रहा है और पिलरों के निर्माण के बाद सेगमेंट लॉन्चिंग लगातार जारी है। उसके बाद पटरियों को बिछाने का काम शुरू होगा। वहीं सुपर कॉरिडोर पर जो 75 एकड़ में डिपो का निर्माण चल रहा है उसके अंदर भी पटरियां बिछेंगी।
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