नई दिल्ली (New Delhi)। देश के मैदानी इलाकों (country plains) में पछुआ हवा के कारण सर्दी का सितम (winter solstice) लगातार जारी है। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली एनसीआर शीत लहर की चपेट में है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले पांच दिनों तक स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है। आईएमडी ने रेड अलर्ट (IMD red alert) भी जारी किया है। मैसम विभाग ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को लेकर कहा है कि यहां सर्दी का सितम अभी जारी रहेगा। अनुमान है कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश में कहीं कहीं बहुत घना कोहरा छाया रहेगा। दिन में धूप नहीं निकलेगी, सीवियर कोल्ड डे की वजह से दिन में भी ठिठुरन भरी सर्दी का प्रकोप जारी रहेगा। पश्चिमी यूपी में दिन में भी सर्दी का असर ज्यादा रहेगा।
बता दें कि मंगलवार की रात फतेहपुर में सबसे कम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) की बात करें तो यहां लगातार तीसरी रात पारा जमाव बिंदु से नीचे दर्ज किया गया, जबकि राजस्थान के फतेहपुर सीकर और चूरू में भी पारा शून्य से नीचे लुढ़क गया। पंजाब और हरियाणा में भी बुधवार को सुबह कड़ाके की ठंड रही। शून्य से नीचे तापमान से कश्मीर घाटी में कई जलाशय जम गए हैं।
बिहार में इस साल मौसम का मिजाज अलग है। अब तक पटना में रातें उतनी सर्द नहीं रहीं लेकिन दिन के गिरते तापमान ने लोगों को बेहाल कर दिया है। जाड़े के दिनों में अमूमन न्यूनतम तापमान की कमी से भारी ठंड की स्थिति बनती है लेकिन इस बार अधिकतम तापमान की भारी कमी ने लोगों को ठंड से हलकान कर रखा है। बुधवार को पटना में दिन के तापमान ने पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 13.8 डिग्री रहा जो पिछले पांच वर्षों में सर्द दिन का एक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2018 के जनवरी में यह स्थिति बनी थी जब पटना का अधिकतम तापमान 14 डिग्री से नीचे आया था।
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, अलीगढ़, रामपुर, अमरोहा, बुलंदशहर, पीलीभीत, बरेली, बदायूं, सम्भल आदि के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य के बाकी अंचलों में मौसम विभाग ने आरेंज व यलो वार्निंग जारी की है। दिन में धूप न निकलने और सर्द हवा के साथ ठिठुरन भरी ठण्ड से जनजीवन बेहाल है। राज्य के कई मण्डलों में दिन का तापमान सामान्य से 6 से लेकर 12 डिग्री तक कम दर्ज किया जा रहा है।
झारखंड में जानलेवा हुई ठंड. तीन की मौत
झारखंड में ठंड अब जानलेवा हो गई है। अत्यधिक सर्दी के कारण सूबे में बीते 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हो गई। तीनों मौत पलामू के सतबरवा प्रखंड के अलग-अलग गावों में हुई है। इधर, बुधवार को कुहासा और शीतलहर के कारण पूरे राज्य में जनजीवन प्रभावित रहा। कोहरे के असर रेल व विमान सेवाओं पर भी पड़ा। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अभी शीतलहर से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
फतेहपुर सीकर और चूरू भी शून्य से नीचे
राजस्थान के कई इलाकों में घने कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी का दौर बुधवार को भी जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार, बीती रात फतेहपुर सीकर में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.7 डिग्री नीचे, जबकि चूरू में शून्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। बुधवार सुबह बीकानेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। राजधानी जयपुर में बीते 24 घंटे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 17.7 और 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहने की संभावना के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
वहीं, पंजाब और हरियाणा में सुबह कई जगहों पर कोहरे की घनी परत छाई रही, जिससे दृश्यता घट गई। दोनों राज्य पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी चंडीगढ़ में बुधवार को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
7 जनवरी के बाद राहत के आसार
नए साल के पहले दिन से राजधानी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत में शुरु हुई कड़ाके की सर्दी, घने कोहरे और शीत लहर के इस पूरे सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग मुताबिक रविवार से इसकी तीव्रता में कमी आने की संभावना है। उसके मुताबिक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड इत्यादि में 7 जनवरी के बाद छिटपुट वर्षा और बर्फबारी के भी आसार हैं।
आईएमडी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान इस मौसम का सबसे कम 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और राष्ट्रीय राजधानी धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा सर्द रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उपग्रह के जरिए ली गई तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें भारत में गंगा के मैदानी क्षेत्रों व उससे लगते मध्य तथा पूर्वी भाग में कोहरे की मोटी परत दिख रही है।
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