लखनऊ। वरुण गांधी (Varun Gandhi ) के हालिया बयानों (Recent statements) ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया (Sparked new political debate) है और अब पार्टी के नेता उन्हें लेकर कई तरह की अटकलें (Many speculations) लगाने लगे हैं। वरुण गांधी की ओर से हाल ही में दिए गए कुछ बयान पार्टी की लाइन से इतर रहे हैं और यह भाजपा के अनुरूप नहीं कहे जा सकते हैं। यही वजह है कि नेतागण भगवा पार्टी के उनके भविष्य को लेकर कई प्रकार की संभावनाओं का अनुमान लगाने लगे हैं।
वरुण गांधी के हालिया बयान की बात की जाए तो उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के एक विवादित बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। दरअसल कंगना ने हाल ही में अपने एक बयान में 1947 में भारत को मिली आजादी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “वह आजादी नहीं भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली।”
कंगना के इस बयान पर वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?” पद्म श्री पुरस्कार विजेता कंगना रनौत के खिलाफ उनके नवीनतम ट्वीट – जिसने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है – ने भाजपा को बेशक शर्मिदा किया हो सकता है, लेकिन इस पर आश्चर्यजनक रूप से उन्हें भाजपा कैडर से समर्थन मिला है।
वरुण, इससे पहले आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में बोल चुके हैं और यहां तक कि किसानों के समर्थन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए भाषण की एक छोटी क्लिप भी ट्वीट कर चुके हैं। पिछले महीने, उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एक स्टैंड लेते हुए देखा गया था, जिनके वाहनों ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था।
लखीमपुर खीरी में तीन अक्तूबर को हुई हिंसक घटना के बाद से भाजपा सांसद वरुण गांधी लगातार किसानों के समर्थन में ट्वीट करते रहे हैं। वह इस संबंध में योगी सरकार को खत भी लिख चुके हैं और पीड़ित परिवारों के लिए इंसाफ और दोषियों के लिए सजा की मांग कर चुके हैं। वरुण गांधी ने लखीमपुर घटनाक्रम से संबंधित एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “यह वीडियो बिल्कुल साफ है। प्रदर्शनकारियों को हत्या से चुप नहीं कराया जा सकता। मासूम किसानों का जो खून बहा है उसकी जवाबदेही तय होनी ही चाहिए और न्याय मिलना ही चाहिए। किसानों के सामने ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम क्रूर हैं।”
वरुण के बयानों का भाजपा ने आधिकारिक तौर पर खंडन नहीं किया है, लेकिन पार्टी ने उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाकर अपनी नाराजगी स्पष्ट कर दी है।जहां वरिष्ठ नेता यह नहीं समझ पा रहे हैं कि गांधी परिवार के सबसे युवा वंशज परेशानी पैदा करने के लिए क्यों प्रतिबद्ध हैं, वहीं पार्टी कैडर वरुण के अगले कदम के बारे में अटकलों से गुलजार है।
इस बीच, जिस तरह से वरुण गांधी अपने बयानों से आगे बढ़ रहे हैं, उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता उस नुकसान को लेकर भी सावधान हैं, जो राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि वरुण गांधी पार्टी के किसी अन्य सांसद से बढ़कर हैं और उनकी बातों का असर निस्संदेह लोगों पर पड़ेगा। हम उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं और पार्टी की प्रतिक्रिया का भी इंतजार कर रहे हैं।”
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