नई दिल्ली (New Delhi) । समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक (news portal newsclick) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कंपनी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। स्पेशल सेल द्वारा न्यूजक्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक, कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को विवादित हिस्सा बताने का प्रयास किया गया, कोरोना के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई को बदनाम करने की कोशिश की गई, किसानों के आंदोलन का फंड दिया गया और Xiaomi और Vivo जैसी चीनी टेलीकॉम कंपनियों का जोरदार बचाव किया गया।
मंगलवार को स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में समाचार पोर्टल से जुड़े 40 से अधिक पत्रकारों और इससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसके बाद पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को एक बयान में न्यूजक्लिक ने आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि इसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही भारत में स्वतंत्र प्रेस को खत्म करने का एक जबरदस्त प्रयास था।
न्यूजक्लिक ने कहा, ”एफआईआर में कई आरोप लगाए गए हैं। इनमें से किसी भी जांच में पिछले तीन वर्षों में कोई आरोपपत्र या शिकायत दर्ज नहीं हुई। दरअसल प्रबीर को इन जांचों मेंअंतरिम सुरक्षा दी गई थी। नई एफआईआर केवल इस सुरक्षा को दरकिनार करने और कठोर यूएपीए के तहत अवैध गिरफ्तारियां करने के लिए दर्ज की गई है।” आगे उन्होंने कहा, ”न्यूजक्लिक को चीन या चीनी संस्थाओं से कोई फंडिंग या निर्देश नहीं मिला है। इसके अलावा न्यूजक्लिक ने कभी भी किसी भी तरह से हिंसा, अलगाव या किसी भी अवैध कार्य को बढ़ावा देने या प्रोत्साहित करने की कोशिश नहीं की है।”
वहीं, एफआईआर में कहा गया है कि गुप्त इनपुट प्राप्त हुए हैं कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने, भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों की विदेशी धनराशि का निवेश किया गया है। भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश करने का इरादा था।
एफआईआर में में दावा किया गया है, “अप्रैल 2018 से मेसर्स पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी और अन्य से पांच साल की छोटी अवधि के दौरान अवैध तरीकों से करोड़ों रुपये प्राप्त किए गए हैं।” इसमें कहा गया है, “इस तरह के विदेशी फंड को शंघाई के निवासी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने कई संस्थाओं माध्यम से ट्रांसफर किया है।”
एफआईआर में कहा गया है, ”यह पता चला है कि नवलखा पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में 2018 में इसकी स्थापना के बाद से एक शेयरधारक हैं। वह प्रतिबंधित नक्सली संगठनों को सक्रिय रूप से समर्थन करते हैं। वह गुलाम नबी फई के साथ राष्ट्र-विरोधी सांठगांठ रखने जैसी भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। फई पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंट है।”
एफआईआर में कहा गया है, ”गुप्त सूचनाओं से यह भी पता चला है कि पुरकायस्थ, सिंघम और सिंघम के स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल पर बात किए हैं। इसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने की चर्चा भी हुई है। उनका यह कृत्य भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की कोशिश है।” साथ ही यह भी कहा गया है कि इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से किसानों के विरोध को लंबा करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने की भी साजिश रची है।
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