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    MP कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर, 5180 करोड़ की सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत

  • March 04, 2024

    भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक (MP cabinet meeting) में कई अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसमें प्रदेश के जिला अस्पतालों को पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज में बदला जाएगा, जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है। इसमें 75 प्रतिशत बेड गरीबों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। पीपीपी मोड पर काम करने वाली निजी एजेंसी 25 प्रतिशत बेड का इस्तेमाल कर सकेगी। इस निर्णय से जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना होने से जिले के मरीजों को तृतीय स्तर की सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एवं जिला अस्पतालों का उन्नयन करके मरीजों को उच्चतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।

    कैबिनेट ने मध्य प्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 2011 में अनुकंपा नियुक्ति के संशोधन नियम-5-क को अंतर्निहित करने की स्वीकृति दी। इसके बाद जिला पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव सेवारत था, उस जिला पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में संबंधित प्रवर्ग का पद रिक्त न होने की स्थिति में अन्य जिले में जहां संबंधित प्रवर्ग में ग्राम पंचायत सचिव का पद रिक्त हो, पात्रता अनुसार नियुक्ति दी जा सकेगी। इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त पद वाली जिला पंचायत को संबंधित का आवेदन प्रेषित किया जाएगा।

    कैबिनेट ने केंद्र की CITIIS (सिटीज इन्वेस्टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन) 2.0 में प्रदेश की सातों स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक चयन में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। इसमें केंद्र सरकार ने देशभर के 100 स्मार्ट सिटी के प्रस्तावों पर मेरिट बनाया है और इसमें से टॉप 18 स्मार्ट सिटी होना है.कुछ राशि केंद्र से मिलेगी तो कुछ राशि राज्य सरकार को अपने अंश से मिलानी होगी। योजना का उददेश्य जलवायु संवेदनशील योजना एवं क्रियान्वयन को बढ़ावा देना तथा शहरी जलवायु के क्रियान्वयन के लिए निवेश को प्रेरित करना, संस्थागत तंत्र का निर्माण, भागीदारी प्रोत्साहन एवं क्षमतावर्धन है।


    कैबिनेट ने मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के नवीन भवन निर्माण के लिये 485 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी है। जबलपुर के ग्राम मंगेली बरेला बायपास रोड़ स्थित मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी का नवीन भवन निर्माण हो रहा है। प्रदेश में वर्तमान में न्यायिक अधिकारियों के 2044 पद स्वीकृत है। जिस पर 1847 न्यायिक अधिकारी कार्यरत है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण आयोजित किए जाते है। इसके अलावा तहसील, जिला स्तर पर अधिवक्तागण के भी प्रशिक्षण आयोजित किए जाते है। वहीं, न्यायिक प्रणाली में भागीदारी आवश्यक होने वाले अन्य अधिकारियों के भी प्रशिक्षण आयोजित किए जाते है। वर्तमान राज्य न्यायिक अकादमी का भवन अत्यंत छोटा पड़ता है।

    5180 करोड़ की सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
    कैबिनेट ने प्रदेश में विभिनन सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्यन के लिए 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। जिसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
    – पन्ना जिले की विकासखंड शाहनगर में हनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए।
    – बुरहानपुर जिले के विकासखंड बुरहानपुर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 144 करोड़ 72 लाख रुपए।
    – सागर जिले की बंडा तहसील में 3 हजार 219 करोड़ 62 लाख करोड़ रूपए।
    – सतना जिले के विकासखंड रामनगर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 53 करोड़ 69 लाख रूपए।
    – विदिशा जिले के विकासखंड लटेरी में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 627 करोड़ 45 लाख रूपए।
    – सीहोर जिले की जावर तहसील में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 222 करोड़ 03 लाख रूपये लागत की कान्याखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4605 हेक्टेयर)।
    – बुरहानपुर जिले में 137 करोड़ 77 लाख रूपये लागत की छोटी उतावली मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4000 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

    5812 राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये स्वीकृत
    कैबिनेट ने न्यू डेव्हलपमेंट बैंक की सहायता से प्रदेश में राज्य राजमागों के उन्नयन के लिये 5 हजार 812 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति दी। परियोजना के लिए 4 हजार 68 करोड़ रूपये का ऋण न्यू डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा प्रदाय किया जायेगा एवं शेष 1 हजार 744 करोड़ रूपये राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। योजनांतर्गत प्रदेश में लगभग 884.63 कि.मी. राज्य राजमार्गों/मुख्य जिला मार्गों का विकास 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर/4-लेन में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एण्ड कंसस्ट्रक्शन (ई.पी.सी.) मॉडल पर किया जाएगा।
    – शहडोल के नगर ब्यौहारी के लिए प्रथम चरण में 14.50 किमी रिंग रोड के निर्माण के लिये 81 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
    – जबलपुर से लम्हेटा के मध्य नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय झूला पुल (केबल स्टे) के निर्माण के लिये लागत राशि 177 करोड़ 12 लाख 97 हजार रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
    – नीमच जिले में 111 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से बनने वाले नीमच बायपास व्हाया जयसिंहपुरा बघराना नयागांव मार्ग लंबाई 21.20 कि.मी. के निर्माण के लिये प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
    – अशोकनगर जिले में शाढ़ौरा (एस.एच.-20) से करीला माता मंदिर (बेलई करीला मुख्य जिला मार्ग) व्हाया बामोरी ताल, ककरुआ राय, पिपरिया राय, कचनार, झितिया, करैया बुदधू, राजपुर, फतेहपुर, खिरिया, हरिपुर चक्क, पीपलखेडा, दंगलिया,जमुनिया मार्ग लंबाई 54.40 कि.मी. के निर्माण के लिए 134.43 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।


    102.80 किमी लम्बे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे को स्वीकृति
    उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये 102.80 किमी लम्बे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे के निर्माण की स्वीकृति दी है। इस परियोजना का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी आधार पर होगा। परियोजना की लागत 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रूपए है। परियोजना पर 17 वर्षों में कुल खर्च 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख में से 557 करोड़ रूपए का भुगतान सड़क विकास निगम और 4460 करोड़ रूपए का भुगतान राज्य बजट से किया जायेगा। इस मार्ग पर 7 बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, 5 फ्लाई ओवर, 2 रेलवे ओवरब्रिज आदि बनाये जाएंगे। बता दें भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिल्ली एवं मुम्बई के मध्य 8 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस राजमार्ग की 247 कि.मी. लम्बाई राज्य के मंदसौर, रतलाम एवं झाबुआ जिलों से गुजरता है। एक्सप्रेस-वे के गुजरता इस भाग में 7 स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुडने के लिये इंटरचेंज दिये गये हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार को दृष्टिगत रखते हुये उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये यह निर्णय लिया गया है।

    यह निर्णय भी हुए
    – मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों को छठे यूजीसी वेतनमान में एजीपी 10 हजार रुपये देने के प्रस्ताव को दी स्वकृति दी गई है। इसके साथ ही यह प्रोफेसर पीएचडी भी करा सकेंगे। इससे दो हजार से ज्यादा प्रोफेसर को लाभ मिलेगा।
    – प्रदेश में डायल-100 की टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें करीब 6 माह का समय लगेगा। इसको देखते हुए मौजूदा वीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की दरों में 15 प्रतिशत अधिक की वृद्धि कर 6 माह के लिए अनुबंध बढ़ाया गया।

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