भूमाफिया मद्दे ने संस्थाओं की जमीन कबाडक़र विकसित की कॉलोनी, निगम में नियमितिकरण की प्रक्रिया भी अटकी, आधा दर्जन से अधिक बिल्डरों को भी लगा झटका
इंदौर। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था (Kalpataru Home Construction Society) की जमीनों की अफरा-तफरी और पांच करोड़ के फर्जीवाड़े के चलते भूमाफिया दीपक जैन उर्फ मद्दा जेल चला गया है। उससे जुड़ी अन्य संस्थाओं की जांच तो चल ही रही है, वहीं विवादित हिना पैलेस कॉलोनी की नियमितिकरण की प्रक्रिया जहां निगम ने रोक रखी है, वहीं इस तरह की गड़बडिय़ों के चलते रेरा ने भी उसका आवेदन निरस्त कहर दिया है। अभी इंदौर के कुछ आधा दर्जन प्रोजेक्टों को भी रेरा ने निरस्त किया है, जो कॉलोनाइजर और बिल्डरों (colonizers and builders) से जुड़े हैं। कनाडिय़ा सहित अन्य स्थानों पर आ रहे इन प्रोजेक्टों को रेरा अनुमति नहीं मिली है। हालांकि इंदौर के कई कॉलोनाइजरों ने बिना अभिन्यास मंजूरी और अनुमति के ही करोड़ों रुपए का माल डायरियों पर बेच दिया है। वहीं 79 गांवों में भी मास्टर प्लान के चलते अनुमतियां ठप पड़ी हैं।
बीते एक साल से रियल इस्टेट कारोबार में तेजी के चलते चारों दिशाओं में धड़ल्ले से नए प्रोजेक्ट लॉन्च (new project launch) हो गए, जिनमें से कई तो अभी खेतों के रूप में ही मौजूद हैं, जहां पर नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास मंजूरी सहित अन्य प्रक्रिया रूकी पड़ी है। मगर डायरियों पर माल बिक गया। दूसरी तरफ चर्चित भूमाफिया दीपक मद्दे द्वारा हड़पी गई संस्थाओं और उनकी जमीनों को लेकर भी पुलिस, प्रशासन, सहकारिता विभाग जांच-पड़ताल में जुटे हैं। अभी पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने मद्दे को कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में किए गए फर्जीवाड़े के चलते गिरफ्तार कर तीन दिन की रिमांड पर पूछताछ भी की, मगर शातिर मद्दे ने ठोस जानकारी नहीं थी। इसके बाद कोर्ट ने रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उसे जेल भिजवा दिया। दीपक मद्दे की चर्चित हिना पैलेस कॉलोनी भी चर्चा में रही है। खजराना की इस कॉलोनी में मद्दे ने जबरदस्त फर्जीवाड़े किए हैं। कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें तो शामिल की ही, वहीं नजूल की जमीन भी नहीं छोड़ी। हालांकि निगम ने कुछ वर्ष पूर्व ही हिना पैलेस को वैध करने के बाद फिर अवैध घोषित कर दिया था। दूसरी तरफ उसका रेरा में लगा आवेदन भी कुछ समय पहले निरस्त हो गया। यह भी महत्वपूर्ण है कि हिना पैलेस रहवासी संघ के नाम पर पौने 2 करोड़ रुपए एकत्रित कर बैंक में जमा कर निगम को नियमितिकरण की प्रक्रिया के लिए उसका चेक भी सौंपा था। यह भी उल्लेखनीय है कि हिना पैलेस में शामिल कई जमीनों को मद्दे ने शहर के रसूखदारों को बेच दिया है और बदले में करोड़ों रुपए ले लिए। कुछ समय पूर्व प्रशासन और निगम ने ऑपरेशन भूमाफिया अभियान के तहत हिना पैलेस में किए गए विकास कार्यों पर बुलडोजर भी चलवाए थे। दूसरी तरफ रेरा ने अभी कई अन्य प्रोजेक्टों को भी अनुमति नहीं दी है, जिसमें एग्जोटिका एवेन्यू नामक प्रोजेक्ट भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ आपत्तियों पर जवाब रेरा ने मांगा था, जोो नहीं मिलने पर उसे अभी अनुमति नहीं दी। इसी तरह चुघ के बिजनेस वे नामक प्रोजेक्ट पर भी रेरा ने आपत्ति लेते हुए मंजूरी नहीं दी है। इस प्रोजेक्ट की बिल्डिंग परमिशन की समय सीमा भी खत्म हो गई है और 6 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लोन भी बताए जा रहे हैं। वहीं रेरा ने सत्यराज प्रोजेक्ट को भी नामंजूर किया है, जिसमें पार्टनरशिप फर्म की जगह केवल एक पार्टनर का ही लाइसेंस लगाया गया और पंजीयन भी पेश नहीं किया गया और पूर्व के प्रोजेक्टों की भी जो जानकारी रेरा ने मांगी थी वह नहीं प्रस्तुत की, जिसके चलते इस प्रोजेक्ट को भी रेरा ने अभी खारिज कर दिया है। इसी तरह एक रेडिमेड हब के श्री भूवनेश्वरी इंटरप्राइजेस प्रा.लि., ओम आंगन, बिल्ड वेल एमिनेंस, ओइस्टर विला अपार्टमेंट, द मेंशंस आदि प्रोजेक्टों को भी रेरा ने अभी अनुमति नहीं दी है और इनकी सूची भी पोर्टल पर डाल दी।
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