इंदौर (Indore)। खंडवा रोड (Khandwa Road) पर स्थित बीएम कालेज में प्राचार्य (Principal at BM College) को पेट्रोल डालकर जला देने की लोमहर्षक घटना के बाद कई सामाजिक संगठन, प्राचार्यों, प्राध्यापकों ने ज्ञापन देने की औपचारिकता तो पूरी की, लेकिन इनमें से एक भी सांत्वना देने परिजनों तक नहीं पहुंचा, यहां तक कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इतनी असंवेदनशिल निकले की अपनी ही साथी प्राचार्या की खोज खबर लेने में कंजूसी दिखाई।
निजी कालेजों का एक दल पिछले दिनों संभागायुक्त को ज्ञापन देने पहुंचा था और बाहर निकलते ही उन्होंने जिस तरह से हंसते-मुस्कुराते फोटो खिंचवाए, उससे उनकी असंवेदनशिलता की पोल खोल दी। वहीं शहर में विकास यात्रा निकाल रहे विधायक, पार्षद और नेताओं में से एक भी व्यक्ति इंदौर की शांति के इस विनाश पर जरा भी व्याकुल नजर नहीं आया। एक भी नेता उस परिवार तक नहीं पहुंचा। यहां तक कि सरकार ने भी प्राचार्य के परिजनों तक कोई आर्थिक मदद नहीं पहुंचाई, जबकि उक्त प्राचार्या शासकीय सेवा देते हुए एक भीषण घटना की शिकार हुई। देवी अहिल्या की नगरी कहलाए जाने वाले इंदौर शहर के लिए राजनैतिक लोगों की यह बेरुखी बताती है कि वे केवल भौतिक विकास को ही विकास मानते हैं। लोगों की सुरक्षा और इंदौर की संस्कृति और सभ्यता पर होता प्रहार उन्हें विचलित नहीं करता है।
सर्वब्राह्मण समाज ने भी दिया ज्ञापन
सर्वब्राह्मण युवा संगठन ने कल ग्रामीण क्षेत्र के आईजी राकेश गुप्ता को प्राचार्या को जलाने वाले आरोपी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। बड़वाली चौकी स्थित कार्यालय में समाज की ओर से दिए गए ज्ञापन में संगठन के अध्यक्ष पंडित संदीप जोशी ने कहा कि अपराधी ने जो वीभत्स कार्य किया है, उसे ऐसी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई भी छात्र अपने गुरू के साथ ऐसी हरकत न करें। कॉलेज प्रशासन द्वारा सुरक्षा में लापरवाही की जांच भी होना चाहिए, क्योंकि प्राचार्य पहले भी इस मामले में शिकायत कर चुकी थीं। ज्ञापन देने वालों में समाज की ओर से नितिन शर्मा, शैलेन्द्र व्यास, राजीव आचार्य, प्रकाश जोशी, जय वैष्णव, भास्कर जोशी, शरद शर्मा, रामेश्वर जोशी, श्रीकांत शर्मा, भरत पुुरोहित, आयुुष मिश्रा एवं हेमंत व्यास मौजूद थे।
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