पहले मंजूरी दी, अब पीछे हटा
इंदौर। कोरोना इलाज (corona treatment) की अभी तक कोई मान्य पद्धति या दवाइयां नहीं है। सिर्फ उपलब्ध साधन-संसाधन, दवाइयों-इंजेक्शनों से ही इलाज किया जा रहा है, जिसमें प्लाज्मा थैरेपी (Plasma therapy) कारगर साबित हुई है। इंदौर, मुंबई, दिल्ली सहित देशभर में प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल हो रहा है। यहां तक कि इंदौर प्रशासन (indore administration) खुद इसे बढ़ावा दे रहा है और अभी 19 से 20 मई को प्रीतमलाल दुआ सभागृह में शिविर का आयोजन भी किया है। दूसरी तरफ आईसीएमआर ने पहले प्लाज्मा थैरेपी (Plasma therapy) को अनुमति दी और अब उसे इलाज के प्रोटोकॉल से बाहर कर दिया। हालांकि इंदौर में अभी चिकित्सक इस थैरेपी को जारी रखेंगे, क्योंकि कई मरीजों को लाभ मिला है। कोरोना के गंभीर मरीजों को अवश्य इस थैरेपी से कम लाभ होने की जानकारी सामने आई है, लेकिन चिकित्सकों का ही कहना है कि संक्रमण की शुरुआत में इस थैरेपी के अच्छे नतीजे मिले हैं। लिहाजा प्लाज्मा थैरेपी (Plasma therapy) जारी रहेगी और अभी बड़ी संख्या में लोग प्लाज्मा डोनेट (plasma donate) भी कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved