चंडीगढ़ । भारी बारिश के कारण (Due to Heavy Rains) रविवार को चंडीगढ़ और गुरुग्राम के कई हिस्से (Many parts of Chandigarh and Gurugram) जलमग्न हो गए (Submerged) और सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं (Roads Turned into Rivers), जिससे यातायात ठप हो गया (Causing Traffic to Standstill)।
जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच गुरुग्राम शहर में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई। आंकड़ों से यह भी पता चला कि वजीराबाद में सबसे अधिक बारिश (149 मिमी) हुई, इसके बाद बादशाहपुर में 103 मिमी, सोहना में 82 मिमी, कादीपुर में 61 मिमी और हरसरू में 61 मिमी बारिश हुई। गुड़गांव के सेक्टर-30, 31, 40, 15, पुलिस लाइन, गुरुग्राम विधायक कार्यालय, बस स्टैंड रोड, शीतला माता रोड, नरसिंहपुर सर्विस रोड, हीरो होंडा चौक, बसई चौक, खांडसा, सोहना रोड, सुभाष चौक सहित कई प्रमुख जंक्शन पानी से भरे हुए हैं जिसके चलते ट्रैफिक जाम हो गया। सेक्टर 10, 9 10 ए, 29, 39, 47, पालम विहार और ग्रीनवुड सिटी जैसे सेक्टर और कॉलोनियों में भी सड़कों पर पानी भर गया और कुछ घरों में बारिश का पानी घुस गया। कुछ इलाकों में एक्सप्रेस-वे पर भी पैदल चलने वालों को घुटनों तक पानी से होकर गुजरना पड़ा। गांव झारसा से सेक्टर 30 और सेक्टर 40 तक का पूरा इलाका नदी में तब्दील हो चुका है।
सेक्टर-31 में बरसाती पानी की नालियां क्षतिग्रस्त हैं और उनकी सफाई नहीं की जाती है। रविवार की बारिश के कारण सेक्टर में बाढ़ आ गई है। इनके निर्माण के लिए एमसीजी को कई लिखित शिकायतें दी गई हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस सेक्टर को वर्षों पहले विकसित किया गया था, लेकिन बुनियादी ढांचा अभी भी खराब है। अभी तक अपग्रेड नहीं किया गया है।” हालांकि अंडरपास काफी हद तक सुरक्षित रहे, लेकिन यात्रियों को नरसिंहपुर में एक्सप्रेसवे पर घुटनों तक पानी से गुजरते देखा गया। नरसिंहपुर गांव के एक निवासी ने कहा, “जलजमाव के कारण नरसिंहपुर चौक पर भारी भीड़ थी। ऐसा लगता है कि शहर का बुनियादी ढांचा भारी बारिश से निपटने के लिए तैयार नहीं है।”
जिला प्रशासन ने हाल ही में शहर में 112 जलभराव वाले स्थानों की पहचान की थी और बाढ़ की स्थिति में पानी की शीघ्र निकासी के लिए 20 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। जीएमडीए, एमसीजी और सिंचाई विभाग ने नरसिंहपुर सहित दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर जलभराव वाले स्थानों पर अधिक पंप स्थापित करने का निर्णय लिया था, लेकिन ये कदम नरसिंहपुर में जलभराव की समस्या को हल करने में विफल रहे। डीसीपी (यातायात) वीरेंद्र सिंह सांगवान ने कहा, “यातायात प्रबंधन के लिए प्रमुख जंक्शनों पर 1,000 से अधिक यातायात कर्मियों को तैनात किया गया है। यातायात पुलिस पहले से ही वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए मौके पर थी। हमने सुचारू यातायात संचालन के लिए पानी निकालने के लिए नागरिक अधिकारियों के साथ भी समन्वय किया है।”
इस बीच, जीएमडीए अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ स्थानों पर बाढ़ आ गई, लेकिन बारिश रुकने के बाद पानी कम होने लगा। जीएमडीए इंजीनियर विक्रम सिंह ने कहा, “नरसिंहपुर सर्विस रोड पर सबसे बड़ी समस्या सामने आई। हमने जलभराव से निपटने के लिए पंप सेट और ट्रैक्टर-माउंटेड पंप लगाए हैं। जीएमडीए अन्य विभागों के साथ भी समन्वय कर रहा है ताकि यात्रियों को बारिश के दौरान जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े ।”
चंडीगढ़ में शनिवार से हो रही बारिश हो रही है और रविवार को भी मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। लगातार हो रही बारिश से चंडीगढ़ में अब कई जगहों पर लोगों के घरों मे पानी तक घुस आया है। चंडीगढ़ के सेक्टर 33 स्थित सरकारी घरों मे पानी घुस आया है। यहां लोग काफी नाखुश नजर आए जिनका कहना था कि हर बार बरसात में यहाँ यही हाल होता है। इस बार फिर लोगों के घरों में पानी घुस आया है। पूरी रात वो घर से पानी निकालने में लगे रहे। उनका घर का सारा सामान खराब हो गया है। प्रशासन ने अगर मानसून को लेकर पहले से तैयारियां की होती आज उनके घरों मे पानी नहीं घुसता।
चंडीगढ़ में बीते कल से लगातार बारिश हो रही है। जिसके कारण सुखना लेक का जलस्तर बढ़ गया हैं। ऐसे में सुखना के तीन में से दो गेटों को खोलकर पानी निकाला गया हैं। इस पर पंचकूला और मोहाली को अलर्ट पर रखा गया है। पिछले 24 घंटे में 322 मिलीमीटर बारिश होने के कारण शहर के अलग-अलग इलाकों में जलभराव हो गया है। शहर का यातायात भी प्रभावित हुआ है। इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है, वहीं नगर निगम के कर्मचारी भी जलभराव की समस्या से निपटने में लगे हुए हैं। बारिश से तापमान भी गिरा है। तापमान सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस गिरकर 23 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
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