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    मोदी की आंखों में खटक रहे है विपक्ष के कई सीएम, कश्मीर से केरल तक, ED के रडार पर; लंबी है लिस्ट

  • February 01, 2024

    नई दिल्‍ली (New Dehli)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren)को मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार(Arrested) कर लिया था। उनके दिल्ली आवास(Delhi residence) से ईडी की टीम को एक बीएमडब्ल्यू कार और 35 लाख रुपये कैश मिले थे। इस घटनाक्रम ने पूरे देश की ध्यान अपनी तरफ खींचा है। साथ ही विपक्षी दलों के कई मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों की भी इस घटनाक्रम पर गहरी नजर होगी। ऐसा इसलिए कि वे भी केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर केंद्रीय एजेंसी की जांच का सामना कर रहे हैं। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इससे कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाया है। आरोप है कि केजरीवाल को ऐसा करने के लिए 100 रुपये की रिश्वत मिली है। केजरीवाल को अब तक ईडी ने चार समन भेजा है, हालांकि वह अभी तक पेश नहीं हुए हैं।


    तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच के दायरे में हैं। विधानसभा में टीडीपी के तत्कालीन नेता रेवंत रेड्डी पर 2015 में एमएलसी चुनाव में अपने पक्ष में वोट देने के लिए एक विधायक को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत देने का मामला दर्ज किया गया था।

    ईडी ने अप्रैल 2021 में केरल के सीएम पिनाराई विजयन के खिलाफ पीएमएलए जांच शुरू की थी। सीबीआई ने 1995 एसएनसी लवलिन मामले में आरोप पत्र दायर किया। यह मामला इडुक्की में जलविद्युत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण के लिए कनाडाई फर्म एसएनसी लवलिन को दिए गए अनुबंध में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। आपको बता दें कि विजयन तब बिजली मंत्री थे।

    आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी यूपीए काल से ही कई जांचों का सामना कर रहे हैं। ईडी ने 2015 में उनके खिलाफ एक नए पीएमएलए मामले में मामला दर्ज किया था। यह मामला जगन के स्वामित्व वाली भारती सीमेंट्स के वित्तीय मामलों से संबंधित था।

    छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल अपनी सरकार के दौरान कोयला परिवहन, शराब की दुकानों के संचालन और महादेव गेमिंग ऐप में अनियमितताओं से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग के कम से कम तीन मामलों में ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।

    बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव कथित आईआरसीटीसी घोटाले और नौकरी के बदले जमीन मामले में मुख्य आरोपी हैं। जबकि 2017 का आईआरसीटीसी मामला रेल मंत्री के रूप में लालू द्वारा आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के लिए किराए पर ली गई कंपनी को कथित लाभ देने से संबंधित है। 2022 का मामला नौकरी के बदले जमीन मामला लालू परिवार पर रेलवे में नौकरी के बदले प्लॉट लेने का है।

    हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा की मानेसर भूमि सौदा मामले और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को पंचकुला में भूमि आवंटन मामले में ईडी द्वारा जांच की जा रही है। एजेंसी पहले ही एजेएल मामले में हुड्डा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुकी है।

    ‘राजस्थान एम्बुलेंस घोटाला’ मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कभी उनके डिप्टी सीएम रह चुके सचिन पायलट समेत कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम का नाम भी शामिल है। 2015 का मामला 2010 में फर्जी तरीके से ज़िकित्जा हेल्थकेयर को ‘108’ एम्बुलेंस सेवा चलाने का ठेका देने से संबंधित है। कंपनी में पायलट और कार्ति कभी कथित तौर पर निदेशक थे। कंपनी पर अतिरंजित चालान जमा करने का आरोप है।

    समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी गोमती रिवरफ्रंट परियोजना के साथ-साथ खनन ठेकों में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई और ईडी दोनों की जांच के दायरे में हैं।

    बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती का नाम किसी भी केंद्रीय एजेंसी की एफआईआर में नहीं है, लेकिन उनके सीएम रहते हुए कई परियोजनाएं और योजनाएं जांच के दायरे में हैं।

    जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) को बीसीसीआई द्वारा दिए गए अनुदान में कथित अनियमितताओं के संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ भी जांच चल रही है।

    फारूक अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से ईडी ने 2022 में जम्मू-कश्मीर बैंक के वित्तीय मामलों और उसके निदेशकों की नियुक्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ की थी।

    जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर बैंक मामले में भी ईडी जांच का सामना करना पड़ रहा है। यह जांच छापेमारी के दौरान ईडी द्वारा जब्त की गई दो डायरियों पर आधारित है। डायरियों में कथित तौर पर मुफ्ती परिवार को किए गए कथित भुगतान का जिक्र है।

    जुलाई 2019 में, सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार के लिए अरुणाचल के पूर्व सीएम नबाम तुकी पर मामला दर्ज किया था। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर, ईडी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए तुकी की जांच कर रही है। आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन मंत्री तुकी ने अपने भाई के साथ मिलकर पैसे की हेराफेरी की थी।

    नवंबर 2019 में सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार के लिए मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह के आवास पर तलाशी ली थी। यह मामला मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी में 332 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा है। इस समय इबोबी इसके अध्यक्ष थे। सीबीआई मामले के आधार पर ईडी ने पीएमएलए मामला दर्ज किया।

    गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के खिलाफ केंद्रीय कपड़ा मंत्री रहते हुए मुंबई में एक बेशकीमती जमीन बेचकर सरकारी खजाने को 709 करोड़ रुपये का कथित नुकसान पहुंचाने के मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। सीबीआई ने उनके खिलाफ 2015 में मामला दर्ज किया था। ईडी ने अगस्त 2016 में मामला दर्ज किया था। इसके ठीक एक दिन बाद वाघेला ने पीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को “मुठभेड़ विशेषज्ञ” कहा था। जांच अभी भी जारी है।

    एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के संचालन में कथित अनियमितताओं के लिए ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रहे हैं।

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