प्रयोग के तौर पर लगाई गई हैंड स्वीपिंग मशीन का प्रयोग भी सफल रहा, अब बड़े पैमाने पर खरीदी का विचार
इंदौर। नगर निगम (Municipal Corporation) के 80 से ज्यादा रूट घर-घर से कचरा (Garbage) लेने के लिए बढ़े हैं, जिसके चलते 550 हल्ला गाडिय़ां (Vehicles) कम पडऩे लगी हैं। इसी के चलते अब नगर निगम 100 से ज्यादा हल्ला गाडिय़ां अलग-अलग समय में खरीदेगा। इसके अलावा सडक़ों की सफाई (Cleaning) के लिए नया प्रयोग करते हुए 6 हैंड स्वीपिंग मशीन (Sweeping Machine) बुलवाई गई थीं, जिनका प्रयोग सफल रहा है। इसी के चलते इसकी भी खरीदारी पर विचार चल रहा है।
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग ( Municipal Health Department) के अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था का जायजा लेने पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हल्ला गाडिय़ां वार्डों में समय पर भेजने के लिए मशक्कत चल रही है। सुबह 6 बजे से गाडिय़ां वार्डों के लिए दौड़ाई जा रही हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों के चलते निगम का अमला पूरे अलर्ट पर है, वहीं दूसरी ओर कई पुरानी हल्ला गाडिय़ों के कारण वार्डों से कचरा उठाने की कार्रवाई कुछ जगह प्रभावित हो रही है। बड़े झोनलों पर चार से ज्यादा हल्ला गाडिय़ां दी गई हैं, ताकि वहां कचरा उठाने की कार्रवाई प्रभावित न हो। इनमें कई गाडिय़ां काफी पुरानी होने के कारण बार-बार रूट पर ही खराब हो जाती हैं। इसी के चलते वर्कशॉप विभाग से गाडिय़ां वहां रवाना की जाती हैं। निगम विद्युत यांत्रिकी समिति के प्रभारी जीतू यादव के मुताबिक अभी लगभग 550 हल्ला गाडिय़ां हैं और 100 हल्ला गाडिय़ों की और जरूरत है, जो अलग-अलग समय में खरीदी जाएंगी। वहीं दूसरी ओर कुछ दिनों पहले नई अत्याधुनिक हैंड स्वीपिंग मशीन बुलाई गई थी। इससे कर्मचारी सडक़ों के आसपास की सफाई कर सकते हैं और इसका प्रयोग कई स्थानों पर किया गया है, जो सफल रहा है। अब इसकी भी खरीदी को लेकर योजना है।
हर रोज 40 से 50 गाडिय़ां सुधरने आती हैं वर्कशाप
नगर निगम वर्कशॉप विभाग (Municipal Workshop Department) में सभी हल्ला गाडिय़ों को बेहतर रखने के लिए बड़ी टीम तैनात है और वह पुरानी गाडिय़ों से भी कई प्रयोग पहले कर चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक कई हल्ला गाडिय़ां वार्डों में लगातार कचरा कलेक्शन के लिए दौड़ाई जाती हैं, जिसके चलते गाडिय़ों के खराब होने की संख्या भी लगातार बढती जा रही है। हर रोज 40 से 50 गाडिय़ां विभिन्न कारणों के चलते वर्कशॉप विभाग में सुधारने के लिए भेजी जाती हैं। झोनलों से आई गाडिय़ों को सुधारने का काम प्राथमिकता पर किया जाता है। इसके साथ ही करीब 40 से ज्यादा गाडिय़ां वर्कशॉप विभाग में रिजर्व में रखी जाती हैं, ताकि किसी हल्ला गाड़ी के वार्ड में खराब होने की सूचना पर तत्काल दूसरी गाड़ी भेजी जा सके।
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