वाशिंगटन (Washington)। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत (India) की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Permanent Representative Ruchira Kamboj) ने बताया कि देश में महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह से समाज में लैंगिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है। दरअसल भारतीय मिशन (Indian Mission) ने संयुक्त राष्ट्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की गई।
भारतीय मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कही ये बात
कार्यक्रम के दौरान भारत की यूएन में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि महिलाओं के लिए एक बहुमुखी रणनीति तैयार की जा रही है, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल से लैंगिक न्याय, समानता और भारत के सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं की स्थिति पर 68वीं वार्षिक बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक 11 मार्च से 22 मार्च तक चलेगी। इसी बैठक के दौरान भारतीय मिशन ने भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
धार्मिक भय की कड़ी निंदा की
हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक भय की कड़ी निंदा की थी। भारत की संयुक्त प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि चाहे यहूदी विरोधी भावना हो, ईसाई धर्म विरोधी या इस्लाम विरोधी भावना, भारत सभी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं और कई जगह मठ-मंदिरों और गुरुद्वारों में हमले हो रहे हैं। इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय पर प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कंबोज ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है और पूरे विश्व को परिवार की नजर से देखता है।
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