पटना (Patna) । नीट पेपर लीक (neet paper leak) मामले की जांच में सेटरों के कई गिरोह की सक्रियता सामने आई है। इसमें सिकंदर प्रसाद यादवेंदु (Sikandar Prasad Yadavendu) से लेकर आयुष कुमार, अखिलेश कुमार, बिट्टु कुमार, अमित आनंद, डॉ. शिव कुमार और उसके पिता समेत 12 अन्य लोग बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के जांच के दायरे में हैं। इन सेटरों ने संपर्क साधकर अलग-अलग अभ्यर्थियों से पैसे लेकर प्रश्न-पत्र दिए थे। इन्होंने संयुक्त रूप से पटना के रामकृष्णा नगर, खेमनीचक में मौजूद लर्नड प्ले स्कूल और लर्न ब्यॉज हॉस्टल को प्रश्न-पत्र रटवाने का ठिकाना बनवाया था। यहीं 35 से 40 अभ्यर्थियों को एकत्र किया गया था।
यादवेंदु अपने बेटे के अलावा संबंधी सह अभ्यर्थी अनुराग यादव और कुछ अन्य परिचित के बच्चे को प्रश्न-पत्र रटवाने के लिए यहां लेकर आया था। सिकंदर के यहां 3 से 4 अभ्यर्थी थे। बताया जाता है कि उसके अभ्यर्थियों की फेहरिस्त में कुछ आलाधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं, हालांकि इसके बारे में स्पष्ट रूप से अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ है। ईओयू की एसआईटी के स्तर से आगे की जांच में सेटरों की इन परतों के ऊपर इन्हें प्रश्न-पत्र सप्लाई करने वाले दो मुख्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिली है। इसमें वैशाली के रहने वाले दो प्रमुख सेटर अतुल वत्स्य और अंशुल सिंह शामिल हैं।
ईओयू के पास पूछताछ के लिए नहीं आए कोई अभ्यर्थी
ईओयू ने पूछताछ के लिए मंगलवार को 9 अभ्यर्थियों को बुलाया था, लेकिन कोई भी उपस्थित नहीं हुए। हालांकि 18 और 19 जून दो दिन का समय पूछताछ के लिए निर्धारित किया गया है। इसे देखते हुए यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि 19 जून को अभ्यर्थी पूछताछ के लिए आ सकते हैं। अगर ईओयू के निर्धारित तारीखों पर अभ्यर्थी उपस्थित नहीं होते हैं, तो इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्हें कोर्ट के स्तर से नोटिस करके बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि ये वही नौ अभ्यर्थी हैं, जिनकी जानकारी ई-मेल के जरिए एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने ईओयू को भेजी थी। हालांकि, ईओयू की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। कई और इलाकों में इस मामले को लेकर छापेमारी की जा रही है। हालांकि इस बात अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है।
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