भोपाल। बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) से आया कम दबाव का क्षेत्र अब आगे बढ़कर जयपुर पहुंच गया है, जबकि मानसून की अक्षीय रेखा सतना (axial line of monsoon) के ऊपर से गुजर रही है। यह दोनों ही मौसम प्रणाली ग्वालियर से काफी दूर हैं, इसलिए इन दिनों यहां तेज बारिश नहीं हो रही है, लेकिन बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में बने एक और कम दबाव के क्षेत्र से अगले 24 से 48 घंटों में ग्वालियर सहित अंचल में अधिकांश इलाकों में तेज बारिश का सिलसिला शुरू होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार सुबे में तय समय से पहले आए मानसून के बाद भी प्रदेशभर में अभी तक सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई है। मप्र के 33 जिलों को अभी भी बारिश की दरकार है, हालांकि अभी मानसून सक्रिय है जिससे उम्मीद की जा रही है कि बारिश होगी।
राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में इस समय उमस पड़ रही है जिससे लोगों का गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि बीच-बीच में बूंदाबांदी भी दौर शुरू हो जाता है।
वहीं पिछले कुछ दिनों से ग्वालियर में दिन में जहां धूप निकल रही है तो शाम को हल्की बारिश हो रही है। इसी क्रम में रविवार को दिन भर धूप खिली रहने से शहरवासियों को गर्मी का समाना करना पड़ा, जबकि शाम करीब पौने छह बजे से लगभग दस मिनट तक शहर में हल्की बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बना गया है। जो अगले 24 से 48 घंटों में गहरे अवसाद (Depression) परिवर्तित होकर आगे बढ़ेगा। मानसून की अक्षीय रेखा भी सामान्य स्थित में है। यदि यह उत्तर की ओर खिसकती है तो ग्वालियर के ऊपर आ जाएगी। मानसून की अक्षीय रेखा और कम कम दबाव के क्षेत्र का असर 13 या 14 सितम्बर से ग्वालियर-चम्बल अंचल में दिखने लगेगा। इससे अंचल भर में कहीं मध्यम तो कहीं तेज बारिश होने के आसार हैं।
बारिश का दौर 15 सितम्बर तक जारी रह सकता है। इसके बाद 17 सितम्बर को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है। यह सितम्बर माह का सबसे मजबूत कम दबाव का क्षेत्र होगा। इससे ग्वालियर सहित अंचल भर में भारी बारिश हो सकती है। इस का प्रभाव 23 सितम्बर तक रह सकता है।
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