पूर्व जिलाध्यक्ष से लेकर कई नेता थे दौड़ में जिराती ने पहले ही कर लिया था किनारा
इंदौर। मधु वर्मा (Madhu Verma) को भले ही भाजपा (BJP) ने अपनी पहली सूची में शामिल कर राऊ विधानसभा (Rau Vidhansabha) से उतार दिया है, लेकिन उनके सामने अपनी ही पार्टी के कई दावेदारों का सामना करना एक चुनौती होगा। हालांकि बाहर से तो दावेदार कह रहे हैं कि वे सब एक हैं, लेकिन टिकट न मिलने की टीस हर किसी के मन में हैं। वैसे इस सीट पर रहने वाले जीतू जिराती पहले ही चुनाव लडऩे से किनारा कर चुके थे। कहा जा रहा है कि पार्टी उन्हें किसी बड़े कांग्रेसी नेता के सामने उतार सकती है।
एक तरह से राऊ विधानसभा सीट पर दावेदारों की बाढ़ आई हुई थी, लेकिन मधु वर्मा जिस तरह से यहां सक्रिय थे, उससे लग रहा था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। जीतू जिराती (Jitu Jirati) प्रदेश उपाध्यक्ष होने के नाते इस सीट को समय भी नहीं दे पा रहे थे। जिस तरह से वे आयोजनों में खुलकर मधु वर्मा की तारीफ कर रहे थे, उससे लग रहा था कि उन्होंने इस सीट से किनारा कर रखा है। पूर्व अध्यक्ष रवि रावलिया भी इस बार इसी सीट से चुनाव लडऩे के मूड में थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया। इस सीट पर संघ से आए डॉ. निशांत खरे भी प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आ रहे थे। उनका नाम बार-बार लिया जा रहा था तो नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी राऊ और 5 नंबर विधानसभा सीट पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब राऊ के हाथ से जाने के बाद उनका पूरा ध्यान 5 नंबर पर रहने की संभावना है। पार्षद और एमआईसी मेम्बर बबलू शर्मा, आईडीए उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला भी दावेदारों की कतार में थे। एक नाम पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के बड़े पुत्र मिलिंद महाजन के रूप में भी उभरा था, क्योंकि इस क्षेत्र में मराठी बहुल वार्ड भी हैं। टिकट नहीं मिलने के कारण अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले ये दावेदार वर्मा की जीत का गणित बिगाड़ सकते हैं, लेकिन जाहिर तौर पर कल सब साथ थे।
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