नागदा (प्रफुल्ल शुक्ला)। नागदा नगर पालिका मध्यप्रदेश की उन गिनीचुनी नगर पालिकाओं में से एक है जो कि आर्थिक दृष्टि से सक्षम मानी जाती है। वर्तमान में नागदा नगर पालिका की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल चल रही है, इसका ताजा उदाहरण यह है कि शहर में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है। शहर में पहले ही शुद्ध पानी को लेकर हंगामा मचा हुआ है, शुद्ध पानी पिलाए जाने का मामला अभी पूरी तरह से सुलझा भी नहीं है कि एक और समस्या पिछले 1 हफ्ते से शहर में खड़ी हो गई है। शहर के कई क्षेत्रों में बंद पड़ी स्ट्रीट लाईटों के कारण कई क्षेत्र अंधेरे में डूबे हुए हैं। बार बार सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी को शिकायत करने के बाद भी सुधार कार्य नहीं हो रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट के खराब होने के कारण सुधार कार्य नहीं हो पा रहा है।
जब उनसे कहा गया कि अन्य किसी उपाय से सुधार कार्य किया जाना चाहिए तो उनका कहना है कि नगरपालिका के पास एक भी वाहन नहीं है जिसकी मदद से वे सुधार कार्य हेतु उपकरण लेकर जा सके अधिकारियों का यह जवाब मध्यप्रदेश की सक्षम नगरपालिका के लिए शर्म की बात है। सबसे महत्वपूर्ण मूलभूत आवश्यकता के लिए एक भी साधन की उपलब्धता नहीं होना यहाँ के अधिकारियों की लापरवाही को प्रदर्शित करता है। अन्य गैर जरूरी कार्यों के लिए पैसे को पानी की तरह बहाने वाली नगरपालिका मूलभूत जरूरतों पर ही ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व भाजपा पार्षद हरीश अग्रवाल ने भी आपने वार्ड में स्ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायत सम्बंधित अधिकारी को की, उन्हें भी साधन के अभाव की बात कही गई। यहाँ की स्ट्रीट लाइट एक हफ्ते से बंद है। ऐसी ही स्थिति अन्य क्षेत्रों की भी है, शहर में वैसे ही चोरी की घटनाएँ पिछले कुछ समय में बढ़ी हैं, ऐसे में अंधेरे का फायदा उठाकर इस तरह की घटनाएँ और बढ़ सकती हैं। नपा प्रशासक सहित जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना आवश्यक है वरना पानी के बाद लाइट को लेकर हंगामा हो सकता है।
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