नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम (Monthly radio programs) ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के दौरान देशवासियों को संबोधित किया. 114वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी यात्रा को 10 साल (10 years) हो चुके हैं. यह कार्यक्रम विजयादशमी के दिन शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं.
‘मन की बात’ के 10 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी मोदी ने कहा, “हमारे समाज में सामूहिकता की भावना के साथ जो भी काम हो रहा हो, उन्हें ‘मन की बात’ के द्वारा सम्मान मिलता है. जब मैं मन की बात के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं तो पता चलता है कि हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं , उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है.
यह एपिसोड भावुक कर देना वाला- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज का यह एपिसोड मुझे भावुक कर देने वाला है… इसका कारण यह है कि मन की बात में हमारी इस यात्रा के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों से देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. बारिश का यह मौसम हमें याद दिलाता है कि ‘जल संरक्षण’ कितना महत्वपूर्ण है.”
उत्तराखंड का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है ‘झाला’… यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है. वे अपने गांव में ‘धन्यवाद प्रकृति’ अभियान चला रहे हैं. इसके तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है. गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर गांव के बाहर तय जगह पर डाला जाता है…”
अमेरिकी यात्रा का किया जिक्र
स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियो, स्वच्छता को लेकर जारी अभियान से हमें ज्यादा-से- ज्यादा लोगों को जोड़ना है, और यह एक अभियान, किसी एक दिन का, एक साल का, नहीं होता है, यह युगों-युगों तक निरंतर करने वाला काम है. यह जब तक हमारा स्वभाव बन जाए ‘स्वच्छता’, तब तक करने का काम है.’
अपनी अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘अमेरिका की मेरी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलावेयर (Delaware) के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया. लौटाई गईं कलाकृतियां Terracotta, Stone, हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं. इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी हैं . चार हजार साल पुरानी कलाकृतियों से लेकर 19वीं सदी तक की कलाकृतियों को अमेरिका ने वापस किया है.’
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